राज्य » राजस्थानPosted at: Apr 6 2024 6:45PM आने वाला समय बौद्धिक सम्पदा का : पुरोहितश्रीगंगानगर, 06 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित ने कहा है कि बौद्धिक सम्पदा की सुरक्षा के लिये वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती जागरुकता और समझ की कमी है। न्यायमूर्ति पुरोहित शनिवार को श्रीगंगानगर में टांटिया यूनिवर्सिटी के विधि संकाय में आयोजित दो दिवसीय तीसरी नेशनल सेमिनार के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे बचने का एक ही उपाय है कि सार्वजनिकता को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने माना कि आने वाला समय बौद्धिक सम्पदा का ही है। इसका उद्देश्य यही है कि आविष्कार, रचना एवं सृजन का लाभ उसके रचयिता को ही मिले।विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण व्यास ने कहा कि समय के साथ-साथ कानून बदलते रहते हैं, पहले कभी आपराधिक घटनायें ज्यादा होती थीं, अब साइबर क्राइम के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। ऐसे में कानून में बदलाव आवश्यक है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के विधि संकाय के सह आचार्य डॉ. अभिषेक कुमार तिवारी ने चाणक्य नीति की चर्चा करते हुये बौद्धिक सम्पदा की बात की और कहा कि इक्कीसवीं शताब्दी ज्ञान को धारण करने वाली शताब्दी है। सं.रामसिंह.श्रवण वार्ता