Saturday, May 4 2024 | Time 22:07 Hrs(IST)
image
राज्य » राजस्थान


महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से बहुरुपिया कलाकारों का सम्मान

उदयपुर 24 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान के उदयपुर में महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से बुधवार को पारंपरिक स्वांग तमासा (बहुरुपिया कला प्रदर्शन) के लिये बहुरुपिया कलाकारों का सम्मान किया गया।
फाउण्डेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ मयंक गुप्ता ने बताया कि जीवंत लोक कलाओं को संरक्षण देने की कड़ी में कला और कलाकारों के उत्साहवर्द्धन में महाराणा मेवाड चैरिटेेबल फाउण्डेशन के न्यासी डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सभी कलाकारों से भेंटवार्ता की और उनकी कला की तारीफ कर सम्मानित किया।
उन्होंने बताया कि फाउण्डेशन ने हमारी प्राचीन लोक कला विरासत संरक्षण के उद्देश्य से मेवाड़ की पारंपरिक बहुरुपिया कला और इन कलाकारों को उसी जीवंत लोक कला को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया। यह पारंपरिक कला हमें गांवों, मेलों, कस्बों और
शहर के बाजारों में कई बार देखने को मिल जाती है, जिसमें कलाकार अलग-अलग स्वांग बना, लोगों का मनोरंजन करते हैं, जो कि भांड परिवारों में अपने परिवार के पालन पोषण के लिये परम्परागत रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित की जाती है।
इस अवसर पर इसी वर्ष पदमश्री सम्मान से सम्मानित भीलवाड़ा के 85 वर्षीय बहुरुपिया कलाकार जानकी लाल भांड ने सिटी पैलेस के बाड़ी महल में अपने सह कलाकारों के साथ लुहारन के स्वांग में तो दूसरी बार बदाम बाई का स्वांग बना जीवन के विभिन्न रंगों को हास्य कला के साथ प्रस्तुत किया।
बहुरुपिया कलाकारों में दुर्गाराम ने नारद मुनि और गुरुचेला, छगन लाल ने नाक कटा लुहार, विक्रम ने सेठजी और निषाद राज एवं रविकांत ने हास्य पात्र जोकर स्वांग बना सिटी पैलेस भ्रमण पर आए देशी-विदेशी पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया। बहुरुपिया कला में स्वांग करने वाले कलाकारों के साथ मार्तण्ड फाउण्डेशन के विलास जानवें का विशेष योगदान रहा।
रामसिंह.श्रवण
वार्ता
image