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राज्य


हरियाणा. खट्टर-सौगात तीन चंडीगढ़

ऑनलाइन नीलामी से भ्रष्टाचार में आई कमी- मुख्यमंत्री
श्री खट्टर ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यभार संभालते ही सीएलयू मामलों में होने वाला भ्रष्टाचार रोकने के लिए ठोस कदम उठाए हैं तथा सरकार ने 10 नवम्बर 2017 को एक नई नीति जारी की है जिसके तहत खुली बोली लगाकर लाईसैंस और सीमित संख्या में सीएलयू दिए जा रहे है। इससे जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है और वहीं प्रक्रिया भी पारदर्शी हुई है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार सीएलयू मामलों में ही होता था। उस समय राज्य में कालोनियों के लाइसेंस और सीएलयू देने के अधिकार निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग से छीनकर मुख्यमंत्री ने अपने पास ले लिये थे। मौजूदा सरकार ने इसे निरस्त कर बड़े भ्रष्टाचार को जड़ से काटा। अब कॉलोनियों के लाइसेंस और सीएलयू देने के अधिकार निदेशक नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को सौंप दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की लाईसेंसिगं/सी.एल.यू. नीति में भी संशोधन किया गया है। पहले ग्रुप हाउसिंग, कॉमर्शियल तथा आई.टी. पार्क जैसी कॉलानियों के लाईसेंस ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दिए जाते थे जिससे लाईंसेंस प्रदान करने में पूर्ण पारदर्शिता नहीं थी। वर्तमान सरकार ने 10 नवम्बर, 2017 को जारी नीति के तहत अब इनके लिये खुली बोली की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक सी.एल.यू. देने और कॉलोनियों के लाईसेंस प्रदान करने की शक्तियों का विकेंद्रीकरण भी किया गया है। एक एकड़ तक के औद्योगिक सी.एल.यू. प्रदान करने की शक्तियां उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कमेटी को हैं। बड़ी इकाइयों को मंजूरी देने के लिए राज्य स्तर पर उच्चाधिकारी कमेटी को प्रदान की गई हैं।
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सरकार लाएगी ई.डी.सी. की नई रिशेडूयलमेन्ट पॉलिसी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आवासीय प्रोजेक्टों के लिये ई.डी.सी. की नई रिशेडूयलमेंट नीति लागू करने जा रही है जिससे न केवल ई.डी.सी. की रिक्वरी हो पाएगी बल्कि लम्बित परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार से पूर्व लाईंसेंस कॉलोनियों में 13881 करोड़ रुपये की ई.डी.सी की बकाया राशि थी जिसमें से वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 6512 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। ईडीसी की बकाया राशि के कारण इन कॉलोनियों के अलॉटियों को समय पर अपने प्लाट/फ्लैटों का कब्ज़ा नहीं मिल रहा था। राज्य सरकार ई.डी.सी. की प्रस्तावित नई रिशेडूयलमेंट नीति लागू होने से न केवल ई.डी.सी. की रिक्वरी हो पाएगी बल्कि लम्बित परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी।
एन्हांसमेंट का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार ने निर्णय लिया कि जिस पर एन्हांसमेंट आई है उसे एक ही बार में सारी राशि की जानकारी दे दी जाए ताकि किसी भी प्रकार का भ्रम न रहे। उन्होंने कहा कि एन्हांसमेंट से संबंधित वन टाइम सेटलमैंट योजना शुरू की गई जिसके तहत 40 प्रतिशत छूट के साथ अपना एन्हांसमेंट का बकाया जमा कराने के लिये कहा गया।
उन्होंने कहा कि 60 हजार अलॉटियों पर 3200 करोड़ एन्हॉसमेंट का लम्बित था जिसमें से इस योजना के लागू करने के बाद एक माह के भीतर 1418 करोड़ रुपये अदा किये जा चुके हैं और शेष 1800 करोड़ रुपये बकाया हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के बाद भी कुछ लोगों ने अपने एन्हांसमेंट का पुन: आंकलन का अनुरोध किया है इसके लिए भी जल्द नई नीति लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि इस नीति के समाप्त होने के पश्चात भी किसी की एन्हांसमेंट रह जाती है तो सेक्टर अनुसार एन्हांसमेंट का पुन: आंकलन किया जाएगा।
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