राज्यPosted at: Sep 25 2019 11:57PM गुजरात हाई कोर्ट ने बर्खास्त आईपीएएस संजीव भट्ट की जमानत अर्जी खारिज कीअहमदाबाद, 25 सितंबर (वार्ता) गुजरात हाई कोर्ट ने हिरासत में मौत से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बर्खास्त आईपीएस अधिकारी सजीव भट्ट (55) की जमानत अर्जी आज खारिज कर दी। श्री भट्ट काे जामनगर की एक अदालत ने गत 30 जून को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी थी। वह तब वहां के एएसपी थी आैर वर्ष 1990 में वहां जामजोधपुर में हिरासत में लिये गये कई व्यक्तियों में से एक की मौत काे लेकर उन पर तथा सात अन्य पुलिसकर्मियों पर मृतक के भाई ने मुकदमा दर्ज कराया था। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी आैर ए सी राव की अदालत ने उनके साथ ही साथ इस मामले मे उम्रकैद की सजा पाने वाले तत्कालीन कांस्टेबल प्रवीण झाला की भी जमानत अर्जी खारिज कर दी। दोनो की ओर से सजा काेे चुनौती देने वाली याचिकाएं भी हाई कोर्ट में लंबित हैं। ज्ञातव्य है कि गुजरात दंगों के दौरान हिन्दू दंगाई काे छूट देने का पुलिस काे निर्देश देने के आरोप तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगाने वाले श्री भट्ट को बिना सूचना के लंबी गैरहाजिरी के कारण 2015 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्हें पालनपुर शहर के होटल में नशीली वस्तु रखवा कर एक व्यक्ति को फंसाने के मामले में पिछले साल अक्टूबर में ही गिरफ्तार किया गया था आैर वह तब से ही लगातार जेल में हैं। ज्ञातव्य है कि गुजरात दंगों की जांच करने वाले विशेष जांच दल ने श्री भट्ट के श्री मोदी के खिलाफ लगाये गये आरोपों को खारिज कर दिया था। कल ही यहां की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने श्री भट्ट के परिजनों की आेर से चलाये जा रहे धनसंग्रह अभियान की जांच के आदेश भी दिये थे।रजनीशवार्ता