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नवलखी बंदरगाह पर 192 करोड़ के खर्च से जेटी बनायी जाएगी: रूपाणी

गांधीनगर, 24 नवंबर (वार्ता) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रविवार को कहा कि नवलखी बंदरगाह पर 192 करोड़ के खर्च से आधुनिक जेटी बनायी जाएगी।
श्री रूपाणी ने कहा कि उन्होेंने नवलखी बंदरगाह पर नयी जेटी निर्माण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस जेटी का निर्माण गुजरात मेरीटाइम बोर्ड करीब 192.33 करोड़ के खर्च से करेगा। नवलखी बंदरगाह में इसके अंतर्गत 485 मीटर की नयी आधुनिकतम जेटी बनाई जाएगी। नवलखी बंदरगाह की प्रवर्तमान क्षमता आठ एमएमटीपीए है जिसे बढ़ाकर 20 एमएमटीपीए करने के लक्ष्य के साथ इस नयी जेटी का निर्माण होगा। इसके कारण बंदरगाह की वर्तमान कार्गो हैन्डलिंग क्षमता में वार्षिक 12 एमएमटीपीए की बढ़ोतरी करने का लक्ष्य है।
राज्य का नवलखी बंदरगाह 1939 से कार्यरत है। इस बंदरगाह की व्युहात्मकता के परिणामस्वरूप इससे गुजरात, उत्तर भारत, मध्य भारत के पावर प्लांट के लिए कोयले का वहन होता है। वर्तमान में बंदरगाह पर कुल 434 मीटर लम्बाई की जेटियां कार्यरत हैं, जिन पर से गुजरात मेरीटाइम बोर्ड वार्षिक 11.85 एमएमटीपीए कार्गो का परिवहन करता है। भारत सरकार द्वारा लागु सागरमाला प्रोजेक्ट से भी इस नवलखी बंदरगाह को लाभ होगा। इसके अंतर्गत 100 मीटर की जेटी सामान के अंतरराज्यीय समुद्री परिवहन के लिए विकसित की जाएगी। नवलखी बंदरगाह ब्रॉडगेज रेलवे तथा सड़क द्वारा देश के सभी स्थलों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और मोरबी में स्थित उद्योगों को भी आवश्यक ईंधन (कोयला) उपलब्ध करवाता है। इस बंदरगाह पर से 1939 से नमक, कोयला, खाद्य पदार्थ तथा अन्य सामान का भी परिवहन होता है। इसमें हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए इस नयी जेटी का महत्तम लाभ होगा। गुजरात मेरीटाइम बोर्ड का यह नवलखी बंदरगाह लाइटरेंज पोर्ट है। इसके बावजूद इसके व्युहात्मक स्थल के कारण कंडला और मुन्द्रा बंदरगाहों से प्रतियोगिता में है। छोटे व्यापारियों, ट्रेडर्स को माल-सामान का आयात-निर्यात करने की सहूलियत के साथ यह प्रथम पसन्दीदा बंदरगाह है।
श्री रूपाणी ने राज्य के 1600 किलोमीटर समुद्रीतट को और वहां स्थित छोटे-बड़े बंदरगाहों को आधुनिक ढंग से विकसित कर गुजरात को समुद्री व्यापार का प्रवेशद्वार बनाने के संकल्प के साथ बंदरगाह- जेटी के नवीनीकरण को प्राथमिकता दी है। गुजरात के बंदरगाहों की अंतर्ढांचागत सुविधाओं की श्रेष्ठता के कारण गुजरात के बंदरगाहों पर से 217 जितने देशों में निर्यात होता है। हाल ही में भावनगर बंदरगाह को देश का सर्वप्रथम सीएनजी टर्मिनल बनाने को मंजूरी दी गई है। नवलखी बंदरगाह के विकास अभिगम से नयी जेटी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दी गई इस मंजूरी के बाद गुजरात मेरीटाइम बोर्ड आगे की कार्यवाही करेगा। इसके मुताबिक, गुजरात मेरीटाइम बोर्ड द्वारा पर्यावरणीय मंजूरियों के लिए अभ्यास शुरू किया गया है और भारत सरकार की मंजूरी की कार्यवाही जारी है। यह कार्य समय पर पूर्ण करने के लिए टेंडर की कार्यवाही भी सरकार कर रही है।
भारत सरकार द्वारा पर्यावरणीय मंजूरियां मिलने के बाद नवलखी बंदरगाह के नवीनीकरण का यह कार्य तत्काल शुरू किया जाएगा और दो वर्ष में इसे पूर्ण करने की तैयारी की गई है। उल्लेखनीय है कि नवलखी बंदरगाह के विकास को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे द्वारा भी नवलखी बंदरगाह के लिए नयी रेलवे लाइन डालकर वर्तमान की छह रैक को बढ़ाकर नौ रैक करने की सिफारिश की गई है। यह बंदरगाह भविष्य में फोर ट्रेक रोड द्वारा नेशनल हाईवे के साथ इसे जोड़कर और पांच एमएमटीपीए कार्गो हैंडलिंग करेगा। साथ ही, इस बंदरगाह के प्रोजेक्ट को भविष्य के विकास के लिए केन्द्र सरकार की सागरमाला योजना के अंतर्गत 40 करोड़ की सहायता भी मिलेगी। वर्ष 2018-19 में कुल 11.85 एमएमटीपीए कार्गो हैंडलिंग द्वारा इस बंदरगाह से 77.05 करोड़ की आय राज्य को प्राप्त हुई थी। नवलखी बंदरगाह पर यह नयी जेटी बन जाने से राज्य को करीब 50 करोड़ की अतिरिक्त आय मिलने की सम्भावना है जिससे राज्य की आय बढ़ेगी।
अनिल,संतोष
वार्ता
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