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राज्य


गुजरात में तीन दिवसीय दसवें चिंतन शिविर का आयोजन

गांधीनगर, 17 मई (वार्ता) गुजरात में नर्मदा ज़िले में केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी परिसर में 19 से 21 मई के दौरान तीन दिवसीय दसवें चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा।
सूचना उप निदेशक जिगर खुंट ने बुधवार को बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2003 में गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान चिंतन शिविर का प्रारंभ कराया था। सुशासन की दिशा में उनकी इस पहल को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल भी आगामी 19 से 21 मई के दौरान दसवें चिंतन शिविर का शुभारंभ कराने जा रहे हैं। नर्मदा ज़िले में केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी परिसर में आयोजित होने वाले इस चिंतन शिविर में श्री पटेल सहित राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव, मुख्य सलाहकार, वरिष्ठ अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव, प्रधान सचिव, ज़िला कलेक्टर, ज़िला विकास अधिकारी (डीडीओ), महानगर पालिकाओं के आयुक्त, विभागीय प्रमुख सहित लगभग 230 महानुभाव हिस्सा लेंगे।
इस वर्ष आयोजित होने वाले चिंतन शिविर में पाँच विषयों पर मनोमंथन होने वाला है। इनमें स्वास्थ्य एवं पोषण, शहरीकरण एवं ढाँचागत विकास, सरकारी एवं स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ढाँचागत विकास एवं क्षमता निर्माण शामिल हैं। शिविर में सहभागी होने वाले अधिकारी पाँच समूहों में बंट कर चर्चा सत्रों में शामिल होंगे। प्रत्येक समूह में 45 अधिकारी होंगे। अधिकारीगण चर्चा के अंत में अपने निष्कर्ष-अनुशंसाएँ प्रस्तुत करेंगे। इतना ही नहीं विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ इन सत्रों में प्रेरणास्पद मार्गदर्शन देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू कराई गई सुशासन की एक महत्वपूर्ण पहल ‘स्वागत ऑनलाइन शिकायत निवारण कार्यक्रम’ ने हाल ही में 20 वर्ष पूर्ण किए हैं। इसी प्रकार वर्ष 2003 में शुरू हुआ चिंतन शिविर कार्यक्रम भी अपने 20वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। जिस प्रकार ‘स्वागत’ जैसे शिकायत निवारण कार्यक्रम को अन्य राज्य सरकारों तथा केन्द्र सरकार ने भी अपनाया है। उसी प्रकार चिंतन शिविर के आयोजन को भी अन्य सरकारों ने एक या दूसरे स्वरूप में अपनाया है। अक्टूबर-2022 में केन्द्र सरकार ने राज्यों के गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर आयोजित किया था तो हाल ही में गत 11 मई को केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अपने अधिकारियों के लिए चिंतन शिविर का आयोजन किया था। आज केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नई दिल्ली में अपने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए चिंतन शिविर का आयोजन किया है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ‘स्वागत’ कार्यक्रम किसी एक व्यक्ति (व्यक्तिविशेष) की निजी समस्या का त्वरित समाधान देता है। उसी प्रकार चिंतन शिविर समग्र जनसमुदाय के लिए किसी विषय विशेष पर अधिक अच्छा समाधान प्रदान करने का अवसर देता है। इस प्रकार, किसी पहल का अपने 20वें वर्ष में भी जारी रहना और अन्य सरकारों द्वारा भी उसे अपनाया जाना ही यह गवाही देता है कि वह पहल कितनी सफल है और कितनी लोकोपयोगी सिद्ध हुई है। अधिकारियों के पास रोज़मर्रा के नियमित कार्य में व्यस्त रह कर विशेष मुद्दों पर दीर्घकालीन योजना बनाने का कभी-कभार समय नहीं रहता। आम तौर पर कोई एक कार्ययोजना सम्बद्ध विभाग के अधिकारी ही बनाया करते हैं। लेकिन उस कार्ययोजना में अन्य अधिकारियों या विशेषज्ञों की राय लेना भी मुश्किल हो जाया करता है। ऐसे में इस प्रकार का चिंतन शिविर इस कमी की पूर्ति करने का काम करता है।
अनिल, उप्रेती
जारी वार्ता
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