लखनऊ 13 नवम्बर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि समय से चीनी मिलें न चलने के कारण किसान का खेतों में खड़ा गन्ना सूख रहा है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अक्टूबर के अंत तक प्रदेश की चीनी मिलों में पेराई शुरू करने की समय सीमा निर्धारित की गई थी लेकिन अब भाजपा सरकार ने सभी चीनी मिलों में 27 नवम्बर तक पेराई शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होने कहा कि खेती किसानी से भाजपा का नाता रिश्ता न होने का यह प्रमाण है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेंहू की बुवाई हर हाल में 20 नवम्बर तक हो जानी चाहिए लेकिन तब तक गन्ने का खेत खाली नहीं होगा तो गेंहू कैसे बोया जाएगा। इससे तो किसान को ही नुकसान होना है। गन्ने की पेराई अभी सुचारू रूप से कहीं भी शुरू नहीं हो सकी, जबकि प्रदेश में 119 चीनी मिले हैं। विभागीय अधिकारी आंकड़ेबाजी से अपनी कमी छुपाने के लिए सच को दबाने और झूठ को फैलाने में लगे हैं।
समाजवादी सरकार में जहां गन्ने के समर्थन मूल्य में एक मुश्त 40 रूपए तक की बढ़ोत्तरी कर दी गई थी। भाजपा सरकार के ऐसा कुछ भी न करने से किसान हताश और निराश हो गए हैं। मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर तराई क्षेत्रों से लेकर पूर्वांचल तक गन्ना क्षेत्रों में किसान आंदोलित है। किसान को न तो फसल की लागत मिल रही है और नहीं उसका बकाया अदा हो रहा है। भाजपा राज में डीजल के दाम बढ़ने के साथ यूरिया और डीएपी खाद के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। गन्ना किसान मंहगाई और कर्ज से परेशान है।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को किसानों के हितों की कोई चिंता नहीं है उसे तो बस 2019 में चुनाव की ही फिक्र है। किसानों को बहलाने फुसलाने के लिए वैसे ही दावे किए जा रहे हैं जैसे पहले किसानों की आय दुगनी करने, कर्जमाफी करने, फसल बीमा आदि के किए गए थे। लेकिन अब किसान जान गया है कि हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और होते हैं। भाजपा सरकार के बयानों से अब ऊसर जमींन में खेती नहीं होने वाली हैं।
प्रदीप
वार्ता