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शिक्षा मनुष्य के सर्वांगीण विकास का आधार : प्रो0 शुक्ला

वाराणसी, 04 मई (वार्ता) काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुल गुरु प्रो0 वी0 के0 शुक्ला ने शिक्षा को मनुष्य के सर्वांगीण विकास का आधार बाताते हुए कहा कि इसके प्रति विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरुक रहने की नसीहत दी है।
विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक स्वतंत्रा भवन में केंद्रीय विद्यालय-बीएचयू के 54वां वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो0 शुक्ला ने कहा शिक्षा ऐसा क्षेत्र है, जिसमें निवेश कभी बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते’ जैसे हौसला बढ़ाने वाले कथन का उल्लेख करते हुए छात्र-छात्राओं से इसे अपना जीवन का सिद्धांत बनाने की नसीहत दी।
प्रो0 शुक्ला ने शिक्षा के अलावा पर्यावरण, स्वच्छता एवं बेटियों की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों के महत्व पर जोर देते हुए केंद्रीय विद्याल के इन क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर प्रो0 शुक्ला एवं समारोह के अतिथित प्रो0 टी आर मानखंड ने विद्यालय प्राचार्य डॉ0 दीवाकर सिंह एवं अध्यापिका डॉ0 जूही राय समेत कई शिक्षकों एवं अनेक छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
डॉ0 सिंह ने भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने में केंद्रीय विद्यालय संगठन की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि यहां के शिक्षक समाज के हर तबके से आये विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उनमें देश भक्ति की भावना पैदा करने में हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीबीएसई के 10वीं एवं 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम देश के निजी स्कूलों से हमेशा बेहतर आते रहे हैं। यहां गरीब से लेकर अधिकारी के भी बच्चे पढ़ते हैं। यहां पढाई के साथ बेहतर इंसान बनाने पर जोर दिया जाता है। वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि बीएचयू परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय में वर्ष 2011 के बाद पहली बार शत प्रतिशत परिणाम आये हैं और अब उनका जोर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर अधिक होगा।
संगीत शिक्षक डॉ0 ए0 एस0 सिंह के निर्देशन में विद्यार्थियों ने देश भक्ति, शिक्षा, संस्कृति, लोक कला और पर्यावरण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर सब का मनमोह लिया। छात्र-छात्रओं ने उत्तर प्रदेश की अवधी झिझिया ‘लाली रे...लाली रे...’ पर मनोहक नृत्य पेश किया। नन्हे बच्चों ने ‘---बहे खून मेरा वतन के लिए, मेरी जान जाए वतन के लिए--’ कव्वली पेश कर देशक्ति का संदेश दिया। सीमा की रक्षा करते सेना के जवानों की दुश्वारियां एवं वतन के लिए उनके जान देने वाले दृश्य देख भागार में मौजूद सैकड़ों दर्शकों की आंखें नम हो गईं।
छात्र-छात्राओं अपने प्रभावशाली अभियन से महिलाओं पर अत्याचार रोकने, ‘बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ’ एवं पर्यावरण की रक्षा का संदेश देने में सफल रहे।
बीरेंद्र
वार्ता
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