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सहारनपुर में पूर्व एमएलसी समेत चार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

सहारनपुर, 13 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) खनन कारोबारी इकबार उर्फ बाल्ला और जिले में रहे चुके दो खनन अधिकारियों समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है।
पुलिस सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि असलमपुर बरथा गांव के पूर्व ग्राम प्रधान रणवीर ने वर्ष 2017 में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (सीजेएम) अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जिनमें अवैध खनन का आरोप लगाते हुए 4.26 करोड़ रूपए की राजस्व हानि की बात कही गई थी। इसकी वसूली के लिए उनकी भूमि की कुर्की के आदेश भी कराए गए। इसके खिलाफ वह उच्चतम न्यायालय गए और न्यायालय ने आदेश निरस्त कर दिए थे।
उन्होंने बताया कि इस मामले में सहारनपुर में जिला खनन अधिकारी रहे समरेंद्र कुमार दास, राजकुमार संगम, खनन लिपिक अफजाल और खनन माफिया इकबाल उर्फ बाल्ला को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें नोटिस जारी किए गये थे। वर्ष 2017 में ही मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (सीजेएम) ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन आरोपी कर्मचारी अफजाल ने इसकी निगरानी दायर करके सीजेएम के आदेश को निरस्त कराने की मांग की थी।
इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार ने 29 जुलाई को सीजेएम न्यायालय के आदेश को बहाल करते हुए निगरानी को निरस्त कर दिया। सदर कोतवाली के प्रभारी पंकज पंत ने इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
गौरतलब है कि पूर्व एमएलसी इकबाल बाल्ला को 28 जुलाई को एनजीटी द्वारा लगाए गए 50 करोड़ के जुर्माने की वसूली के लिए जिला प्रशासन ने मोहम्मद इकबाल के भाई बसपा एमएलसी महमूद अली के मिर्जापुर स्थित मकान पर नोटिस चस्पा किया था और 12 जुलाई को एडीएम फाइनेंस विनोद कुमार ने इकबाल और उसके बेटे वाजिद के
खिलाफ भूमि खरीदने में राजस्व संहिता के उल्लंघन का आरोप सही मानते हुए 35 हेक्टेयर जमीन सरकारी संपत्ति
घोषित कर दी थी।
सं त्यागी
वार्ता
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