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बलिया में मनायी गयी आजादी की 77वीं वर्षगांठ

बलिया में मनायी गयी आजादी की 77वीं वर्षगांठ

बलिया, 19 अगस्त (वार्ता) भारत छोड़ो आंदोलन में आजाद हुए देश के तीन जिलों में से एक उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में सोमवार को आजादी की 77वीं वर्षगांठ मनायी गयी।

इस मौके पर यहां लोगों ने आजादी के आंदोलन के अमर बलिदानियों की प्रतिमाओं पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया और आजादी का जश्न मनाया।

बलिया बलिदान दिवस के रूप में आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पाण्डेय ने अपनी स्मृतियों को ताजा किया। उन्होंने बताया कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में देश के तीन जिले महाराष्ट्र का सतारा, पश्चिम बंगाल का मेदिनीपुर और उत्तर प्रदेश का बलिया आजाद हो गया था। उन्होंने बताया कि गांधी जी के करो या मरो का संदेश मिलने के बाद बलिया में 10 अगस्त से ही आंदोलन हिंसक हो गया था। आंदोलन करने वाले नेता जेल में बंद हो गए थे। उसके बाद जनता उग्र हो गई थी।

उग्र लोगों ने सड़कें खोद दी गई और रेल लाईनों को उखाड़ दिया गया था। सरकारी खजाना लूट लिया गया था। ब्रिटिश हुकूमत के अधिकारी भयभीत होकर पुलिस लाईन में अपने को बंद कर लिए थे। ग्रामीण क्षेत्र से जनता भारी संख्या में मुख्यालय की ओर कूच कर दी थी। शहर में भारी जनसमूह था। उन्होंने बताया कि लोगों के गुस्से को देख तत्कालीन कलक्टर जे निगम ने जेल का फाटक खुलवाया और जेल में बंद नेताओं से जनता का गुस्सा शांत करने का आग्रह किया था। आंदोलन के नेता जनसमूह का नेतृत्व करते हुए टाउन हॉल के मैदान में पहुंचे थे। यहीं बलिया के आजाद होने की घोषणा की गई।

उन्होंने बताया कि आंदोलन के नेता चित्तू पाण्डेय को आजाद बलिया का प्रथम कलक्टर और महानंद मिश्र को प्रथम पुलिस कप्तान बनाया गया था। स्वतंत्रता सेनानी श्री पाण्डेय ने कहा कि जिस दिन बलिया के आजाद होने की घोषणा हुई थी वह दिन 19 अगस्त 1942 का दिन था।जब देश आजाद हुआ और अपनी सरकार बनीं तभी से बलिया मे आजादी का यह जश्न मनाने की परम्परा है।

आजादी का जश्न मनाने के लिए आज के दिन लोग बड़ी संख्या में जेल पर एकत्रित हुए थे। परम्परा के अनुसार जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत एवं पुलिस कप्तान देवेंद्र कुमार जेल पर पहुंचे थे। दोनों अधिकारियों ने जेल का फाटक खुलवाया। स्वतंत्रता सेनानियो के साथ जनसमूह जेल के अंदर गया और भारत माता की जय,वंदेमातरम का नारा बुलंद करते हुए जेल से बाहर निकला। पुलिस बैंड की धुन पर जुलूस निकला। लोगों ने आजादी के आंदोलन के अमर सपूत राज कुमार बाघ, वीर कुंवर सिंह, शहीद राम दहिन ओझा, मुरली मनोहर,शेरे बलिया चित्तू पाण्डेय, 1857 की क्रांति के प्रथम शहीद मंगल पाण्डेय व महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

टाउन हॉल के क्रांति मैदान के बापू भवन में सभा के बाद कार्यक्रम समाप्त हो गया। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री राजधारी, नगरपालिका अध्यक्ष अजय कुमार, सपा नेता लक्षण गुप्ता, चित्तू पाण्डेय के पौत्र विनय पाण्डेय व भारी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार, अधिवक्ता, छात्र, नेहरु युवा केन्द्र के कार्यकर्ता शामिल रहे।

सं त्यागी

वार्ता

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