राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 29 2020 7:57PM नदियों का सीना चीरकर हो रही है लाल सोने की चोरीजालौन 29 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही अवैध खनन को लेकर सख्त हो और एनजीटी के नियमों के तहत ही बालू का खनन करने का आदेश दे रही हो लेकिन जालौन के उरई में बालू घाटों पर पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से नदियों का सीना चीरकर अवैध खनन का काम धड़ल्ले से जारी है। इसके लिए माफियाओं ने नदियों की जलधारा तक रोक दी है। सबसे खास बात तो यह है कि इतना सब होने केे बाद भी जिम्मेदार खनिज विभाग को इसकी भनक नहीं है जो कि कई सवाल खड़े कर रही है। बुन्देलखंड की खनिज सम्पदा बालू को यहां का लाल सोना भी कहा जाता है। जिले में अवैध खनन का इतिहास भी पुराना है। सत्ता चाहे किसी भी रही हो, हर बार चेहरे बदलते हैं लेकिन दस्तूर नहीं जिसे भी बालू खनन का ठेका मिलता है वह किसी न किसी तरीके से अवैध खनन की तरकीब निकाल ही लेता है। मौजूदा समय में भी जिले में कुछ ऐसा ही हो रहा है। मौरंग माफियाओं के आगे एनजीटी के आदेश बौने साबित हो रहे है। जिले में आठ घाटों पर खनन हो रहा है। डकोर थाना क्षेत्र के गांव सिमिरिया में तो मौरंग माफियाओं ने हद ही कर दी। यहां पर नदी की जलधारा रोककर खनन किया जा रहा है। खनन माफियाओं को न तो एनजीटी के नियमों की चिंता है और न ही नदी में रहने वाले जलचरों की। वहीं, शासन ने निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे व धर्मकांटे लगवा रखे हैं। लेकिन यह भी बेमकसद साबित हो रहे हैं क्योंकि माफियाओं ने कैमरों का डायरेक्शन बदल दिया गया है तो वहीं धर्म कांटों पर माफिया अपनी गाडियां खडी कर रहे हैं। उरई से बालू से लदे ओवरलोड ट्रकों को बेरोकटोक गुजारा जा रहा है। टोल टैक्स हो या फिर थाने, सभी से मौरंग से लदे ओवरलोड वाहन आसानी से गुजर जाते हैं। इतना ही नहीं इनमें ज्यादातर ट्रंको में पीछे नम्बर प्लेट नहीं होती है। ताकि एक्सीडेंट के बाद पीछे से कोई इनका नम्बर न ले सके। इस बारे में जिला खनन अधिकारी रंजीत निर्मल ने कहा कि जिले में अवैध खनन पर रोक लगी है। जहां भी सूचना मिलती है वहां छापेमारी की जाती है। पोकलैंड से खनन व ओवरलोडिंग रोकने के लिए समय समय पर अभियान भी चलाया जाता है। सं प्रदीपवार्ता