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अधिकतम नीलामी बोली से कानूनी अधिकार नहीं मिल जाता : उच्च न्यायालय

न्यायालय नीलामी अधिकार
प्रयागराज 28 अक्टूबर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि टेण्डर के तहत नीलामी में उच्चतम बोली लगाने मात्र से किसी को बोली स्वीकार किये जाने का विधिक अधिकार नही मिल जाता।
न्यायालय ने कहा कि बोली नीलामी शर्तो के अधीन होती है। अधिकारी मानने के लिए बाध्य नहीं है। पर्याप्त कारण होने पर नये सिरे से टेण्डर जारी करने के लिए अधिकारी स्वतंत्र हैं।
कोर्ट ने उच्चतम बोली के आधार पर टेण्डर मंजूर करने की मांग मे दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बब्लू की याचिका पर दिया है।
गौरतलब है कि कृषि उत्पादन मंडी समिति, बरौली आगरा ने मंडी स्थल पर बनी 43 दूकानो का टेण्डर मांगा। जिसमें से 7अनुसूचित जाति के,लिए आरक्षित थी। आरक्षित दूकानो के लिए याची की कंपनी मेसर्स के जी एन ट्रेडिंग कंपनी सहित 5 लोगो ने ही टेण्डर भरा। याची ने नीलामी मे सर्वाधिक 16 लाख 15000 हजार रूपये की बोली लगायी। आवंटन समिति ने इस बोली को इस आधार पर मानने से इंकार कर दिया कि सामान्य दूकानो से काफी कम बोली लगी है। नीलामी में कम अभ्यर्थियों के कारण प्रतिस्पर्धा नही दिखायी दी।
समिति के सचिव ने नये सिरे से टेण्डर जारी करने का निर्देश दिया है। जिसे चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
सं प्रदीप
वार्ता
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