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योगी और रावत ने किया डिजिटल लाइब्रेरी का उदघाटन

लखनऊ 19 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से यमकेश्वर, पौड़ी गढ़वाल स्थित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राजकीय महाविद्यालय की डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया।
श्री योगी वर्चुअल माध्यम से डिजिटल लाइब्रेरी के उदघाटन के लिये शामिल हुये। यह डिजिटल लाइब्रेरी यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत स्थापित की गयी है।
उन्होने कहा कि विकास की दृष्टि जब तकनीक और आधुनिकता के साथ जुड़ती है, तब नये और व्यापक परिवर्तन दिखायी पड़ते हैं। महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राजकीय महाविद्यालय की डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारम्भ उत्तराखण्ड सरकार की विकास के प्रति दृष्टि और उसकी प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है। इसमें इस महाविद्यालय को राजकीय महाविद्यालय बनाये जाने का निर्णय भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने पिछले चार वर्षाें के दौरान विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य ने सुधार किया है। राज्य के लोगों की भावनाओं के अनुरूप वहां की धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखते हुए विकास के कार्य किये जा रहे हैं। केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम नये स्वरूप में उभरे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में विकास के अनेक कार्य सम्पन्न हो रहे हैं। धैर्य, संयम, अनुशासन का परिचय देते हुए हरिद्वार महाकुम्भ आयोजित हो रहा है।
श्री योगी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से पिछले एक वर्ष के दौरान पूरी दुनिया त्रस्त रही। जन-धन की व्यापक हानि हुई, लेकिन श्री मोदी द्वारा लिये गये निर्णयों व प्रयासों से देश कोविड-19 को नियंत्रित करने में सफल रहा। यहां की जनता सुरक्षित रही और आर्थिक गतिविधियां भी समयानुसार संचालित हुईं। उत्तर प्रदेश में भी कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित किया गया, जिसकी सराहना देश-दुनिया में हुई। तकनीक का महत्व कोरोना काल में व्यापक पैमाने पर सामने आया। इसका उपयोग जनहित में किया गया। प्रधानमंत्री जनधन तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खातों में सीधे धनराशि अन्तरित की गयी।
भारत में कम अवधि के अन्दर कोविड-19 की दो स्वदेशी वैक्सीन उपलब्ध हुईं। व्यापक स्तर पर इन वैक्सीनों का उपयोग टीकाकरण में किया जा रहा है। बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर्स और फ्रण्टलाइन वर्कर्स का टीकाकरण हुआ है। इन वैक्सीनों को भारत ने मित्र देशों को भी उपलब्ध कराया है।
प्रदीप
जारी वार्ता
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