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गोरखपुर विश्वविद्यालय में जुटेंगे दुनिया भर के विद्वान

गोरखपुर, 19 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर विश्वविद्यालय में नाथ पंथ के वैश्विक योगदान और इसकी अनिवार्य प्रासंगिकता पर मंथन करने को दुनिया भर के नाथपंथी विद्वान तीन दिन तक ऑनलाइन या ऑफलाइन मौजूद रहेंगे।
गोरखपुर विश्वविद्यालय की तरफ से 20 से 22 मार्च तक ‘नाथपंथ का वैश्विक प्रदेय’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 20 मार्च को गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहेंगे।
उम्मीद जताई जा रही है कि श्री योगी संगोष्ठी के दूसरे दिन और समापन अवसर पर भी उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री गोरखपुर विश्वविद्यालय की ‘अर्न व्हाइल लर्न’ योजना और गृह विज्ञान विभाग के सोविनियर शाॅप और बिज़नेस इनक्यूबेटर सेल का भी लोकार्पण करेंगे। छात्रों को पढ़ाई के दौरान से ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाली अर्न व्हाइल लर्न योजना की गोरखपुर विश्वविद्यालय में शुरुआत भी गोरक्षपीठाधीश्वर योगी की प्रेरणा से हो रही है। पहले चरण में इसका लाभ 100 छात्रों को मिलेगा।
नाथपंथ पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान छह क्षेत्रों में करीब तीन दर्जन तकनीकी सत्रों में देश और दुनिया के कोने कोने से नाथपंथ के विषय विशेषज्ञ या तो खुद मौजदू रहेंगे या ऑनलाइन मोड़ से जुड़ेंगे। शुरुआत में विश्विद्यालय प्रशासन ने पांच क्षेत्रों में संगोष्ठी की तैयारी की थी लेकिन मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इसमे एक क्षेत्र और बढ़ा दिया गया।
सीएम योगी ने नाथपंथ पर विश्व में अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध साहित्य के संकलन व अनुवाद की इच्छा और आवश्यकता जताई थी। उन्होने कहा था कि पड़ोसी देश नेपाल और अपने देश के बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में नाथपंथ के अनुयायी बहुतायत में हैं। यहां नाथपंथ का साहित्य भी उपलब्ध है। सीएम से तैयारियों पर चर्चा के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह ने इस बिंदु को भी आयोजन सूची में जोड़ लिया।
गौरतलब है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ की सौगात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है।
संगोष्ठी में स्पेन से भगवाननाथ, आस्ट्रिया से योगी हालमननाथ, ब्राजील से योगिनी देवकीनाथ, अमेरिका के मिसिगन यूनिवर्सिटी से प्रो. माधव देश पांडेय, मारीशस डा. विश्वानंद पुटिया, मध्यप्रदेश के डा. हरि सिंह, गौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. बलवंत जानी, इंडियन काउंसिल के चेयरमैन प्रो. आरसी सिन्हा, अमेरिका से कपिलनाथ, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. सुधीर सिंह, महाराष्ट्र से योगी विलासनाथ, रूस से योगी मत्स्येन्द्र नाथ, बांग्लादेश से डा. कुशल बी. चक्रवर्ती, जेएनयू दिल्ली से प्रो. कपिल कपूर, रोहतक के बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के प्रो राम सजन पांडेय, हिमांचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. हरमहेंद्र सिंंह बेदी समेत देश व दुनिया से नाथपंथ के विषय विशेषज्ञ ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में जुड़ेंगे।
प्रदीप
वार्ता
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