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बरेली में सामूहिक हत्याकांड के आठ को फांसी की सजा

बरेली 07 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश में बरेली जिले की एक अदालत ने दस साल पहले लूट और हत्या के आठ आरोपियों को दोष सिद्ध होने के बाद गुरुवार को फांसी की सजा सुनायी है जबकि लूट का माल खरीदने वाले सर्राफ को आजीवन कारावास का दंड भोगना होगा।
सुरेश शर्मा नगर कालोनी में 10 साल पहले आयकर इंस्पेक्टर रविकांत मिश्रा के घर में घुस कर डकैतों ने उनकी मां, भाई और भाभी की हत्या के दी थी। गुरुवार अपराहन स्पेशल जज फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने छैमार हसीन गैंग के नौ लोगों को दोषी माना और दो महिलाओं समेत आठ लोगों को फांसी की सजा सुनवाई है। लूट का माल खरीदने वाले सर्राफ को आजीवन कारावास किया गया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आयकर इंस्पेक्टर रविकांत मिश्रा के घर वाले 21 अप्रैल 2014 को पीलीभीत चले गये थे। 23 अप्रैल सुबह सूचना मिली कि परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। वह अपने घर आये तो मेन गेट अंदर से बंद था। गैलरी में खिड़की खुली दिखायी दे रही थी और ग्रिल निकली हुई थी। छत का दरवाजा खुला था। जब उन्होंने पास के निर्माणाधीन मकान की छत से अंदर जाकर देखा तो मां पुष्पा (70) का शव सीढ़ियों के पास पड़ा था जबकि बेडरूम में भाई योगेश और उनकी पत्नी प्रिया (32) के शव मिले थे।घर का सारा सामान बिखरा हुआ था।
पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध डकैती कर हत्या करने, आपराधिक षडयंत्र की गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की, जिसमें शेरगढ़ कुड़ला नगरिया निवासी वाजिद, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया निवासी हसीन, यासीन उर्फ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, सम्भल निवासी समीर उर्फ साहिब उर्फ नफीस, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया निवासी जुल्फाम और फहीम,माल खरीदने वाला सर्राफ शाहजहांपुर कोतवाली मोहल्ला चैक, सदर कैंट निवासी राजू वर्मा, समेत 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी थी। पुलिस ने विवेचना में पाया था कि आरोपी पड़ोस के निर्माणाधीन मकान के जरिए रात के समय घर में प्रवेश कर खिड़की की ग्रिल निकालकर घर में दाखिल हुए थे। वादी की बुजुर्ग मां के उठने पर सिर पर ईंट मारकर हत्या कर दी। फिर भाई-भाभी को भी सब्बल और ईंट मारकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था।
इस मामले में दो मई 2014 को मुखबिर से सूचना पर बिथरी के उमरिया गांव में नदी के किनारे स्थित डेरों पर पुलिस ने दबिश दी थी और वहां एक व्यक्ति और दो औरतें मिलीं। तलाशी में चार चांदी के सिक्के बरामद हुए। पेंट की जेब से एक पर्स मिला जिसमें गुप्ता पौली क्लीनिक का पर्चा मिला। पर्चे में पुष्पा देवी का नाम ऊपर लिखा था। दूसरे कागज पर आयकर विभाग योगेश मिश्रा लिखा हुआ था। पकड़ी गयी महिलाओं ने अपना नाम नाजिमा उर्फ कल्लो पत्नी हसीन, दूसरी ने हाशिमा पत्नी यासीन बताया था। एक व्यक्ति ने अपना नाम वाजिद बताया था।
तीन मई के समाचार पत्र में जब मुल्जिमों के फोटो छपी तो महिलाओं को पहचाना। हसीन, नाजिमा, हाशिमा, यासीन हत्या से पूर्व घर के आसपास सब्जी बेचने के बहाने घूमते फिरते थे और इन लोगों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया। महिलाओं की गवाही दोष सिद्ध करने का महत्वपूर्ण आधार बनीं। जबकि ज्वेलरी खरीदने वाले सराफ रवि वर्मा को उम्र कैद हुई है।
सं प्रदीप
वार्ता
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