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राधा रानी की नगरी वृन्दावन में हो रही प्रेम रस की वर्षा

मथुरा, 20 मार्च ( वार्ता) देश के अन्य भागों में रंग से होली खेलने का अभी इंतजार हो रहा है वहीं राधारानी की नगरी वृन्दावन में बुधवार से ही होली का धूम धड़ाका शुरू हो गया। वृन्दावन की प्रेम भरी होली के लिए यही कहा जा सकता है कि
ऐसो रस बरसै वृन्दावन जैसो तीन लोक में नाय
हाल की बरसाना की घटना से सबक लेते हुए प्रशासन द्वारा रंगभरनी एकादशी के दिन वृन्दावन में पुख्ता इंतजाम करने के कारण कहीं पर कोई अप्रिय घटना नही घटी यद्यपि आज वृन्दावन की परिक्रमा करने के लिए भी जन सैलाब उमड़ पड़ा था तथा मन्दिर भक्तों से खचाखच भरे हुए थे।
जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि कहीं पर किसी प्रकार की अप्रिय घटना नही घटी क्योंकि वृन्दावन को चार जोन और 12 सेक्टर में बांटकर, वाहनो का चालन प्रतिबंधित कर मन्दिरों के प्रबंधकों से तालमेल स्थापित किया गया था। प्रमुख मन्दिरों एवं संवेदनशील स्थानो पर महिलाओं के साथ अभद्रता रोकने के लिए सादा वर्दी में पुलिसकर्मी भी लगाए गए थे।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अपार जनसमूह वृन्दावन में आज आया है उससे यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराना चुनौती है पर उन्हें हर संभव सुविधा दी जा रही है।
रंगभरनी एकादशी पर वृन्दावन में की गई व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने आज वृन्दावन में मन्दिरों एवं परिक्रमा मार्ग की व्यवस्थाओं को एसएसपी शैलेष कुमार पाण्डे एवं जिलाधिकारी के साथ देखा और आवश्यक निर्देश भी दिए।
बांके बिहारी मन्दिर, सप्तदेवालयों विशेषकर राधा रमण मन्दिर समेत सभी मन्दिरों में पहले श्यामसुन्दर ने किशोरी जी के साथ गर्भगृह में केशर मिश्रित टेसू के रंग से होली खेली और उसके बाद यही रंग भक्तों में प्रसादस्वरूप डाला गया।
राधा दामोदर मन्दिर के सेवायत आचार्य कृष्ण बलराम स्वामी ने बताया कि उनके मन्दिर में मंगलवार शाम से ही होली शुरू हो गई थी।उन्होेंने बताया कि गोविन्द देव मन्दिर में जहां आज से रंग की होली शुरू हुई वहीं मदनमोहन मन्दिर में अष्टमी से ही रंग की होली शुरू हो गई थी। राधा श्यामसुन्दर में गुरूवार से तथा गोपीनाथ मन्दिर में 23 मार्च से रंग की होली शुरू होगी।
बांकेबिहारी मन्दिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि मन्दिर के अन्दर गुलाल ले जाने पर रोक के मन्दिर प्रबंधन के आदेश का पुलिस द्वारा सख्ती से पालन कराना सुनिश्चित करने के कारण मन्दिर के अन्दर भक्तों को ठाकुर के न केवल साफ दर्शन मिल सके बल्कि गुलाल के न चलने से भक्तों को घुटन का भी अनुभव नही हुआ।मन्दिर में सुबह से ही टेसू का रंग चल रहा है।शयन भोग के दर्शन खुलते ही आज पहले श्यामाश्याम ने कई कुंतल फूलों की होली खेली तथा बाद में प्रसादस्वरूप इन्हें भक्तों पर डाला गया। ठाकुर को सुबह जहां हलुआ और अघौटा ( एक प्रकार की रबड़ी) का भोग लगाया गया था वहीं शाम को गुझिया और ठंढ़ाई का भोग लगाया गया था।उन्होंने बताया कि 24 मार्च की शाम तक मन्दिर में रंग की वर्षा होती रहेगी लेकिन 25 मार्च की सुबह से मन्दिर के अन्दर रंग नही चलेगा।
राधा दामोदर मन्दिर के सेवायत आचार्य दिनेश चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि आज मन्दिर में सुबह जहां गुलाल की सतरंगी होली हुई वहीं शाम से टेसू के रंग की वर्षा हो रही है। इस मन्दिर की यह विशेषता है कि ठाकुर और उनके सखा राधारानी के साथ जब रंग खेलते है। तो पूरे श्रंगार के साथ रंग खेलते हैं।इस मन्दिर में होली में भी शुचिता के जीवन्त दर्शन होते हैं।उधर वृन्दावन की परिक्रमा करने की होड़ लगी हुई है। कुल मिलाकर वृन्दावन में आनन्द रस के अनुठे रंग की अनवरत वर्षा हो रही है।
सं प्रदीप
वार्ता
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