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कांग्रेस ने इमरान मसूद को बनाया सहारनपुर से लोकसभा उम्मीदवार

सहारनपुर, 23 मार्च (वार्ता) लोकसभा की नंबर एक सीट से कांग्रेस ने शनिवार को मशहूर सियासी घराने के इमरान मसूद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
श्री मसूद ने यूनीवार्ता को बताया कि उन्हे सहारनपुर सीट से इंडिया समूह के उम्मीदवार के तौर पर पार्टी ने टिकट दिया है। इस सीट से भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है जबकि बहुजन समाज पार्टी जिला पंचायत सदस्य माजीद अली को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। दिलचस्प यह है कि मौजूदा बसपा सांसद इस बार के चुनाव में मैदान में नहीं उतरे हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार राघव लखनपाल शर्मा को 22 हजार से भी ज्यादा वोटों से पराजित किया था।
इमरान मसूद इससे पहले सपा, बसपा, कांग्रेस आदि दलों में रह चुके हैं और इन दलों से चुनाव भी लड़ चुके हैं। इमरान मसूद के पिता राशिद मसूद गंगोह पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं। उनके जुड़वा भाई नौमान मसूद भी गंगोह पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं। उनके चाचा काजी रशीद मसूद पांच बार सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं और राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं।
इमरान मसूद ने 1987 में राजनीति में प्रवेश किया था। 2001 में उन्होंने सहारनपुर नगर पालिका के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा पर हार गए। 2006 में उन्होंने फिर से सहारनपुर नगर पालिका के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और पालिकाध्यक्ष चुने गए। इसी पद पर रहते हुए उन्होंने 2007 के विधानसभा चुनावों में सहारनपुर की बेहट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह सरकार में काबिना मंत्री जगदीश राणा को बतौर निर्दलीय चुनाव में पराजित कर दिया। तब जगदीश राणा सपा के उम्मीदवार थे और उनके चुनाव प्रचार में मुलायम सिंह यादव भी सहारनपुर आए थे।
दिलचस्प यह है कि इमरान मसूद के चाचा रशिद मसूद का समर्थन भी जगदीश राणा के साथ था। उस चुनावी जीत ने इमरान मसूद का कद सहारनपुर की सियासत में इतना ऊंचा कर दिया कि उनके दिग्गज राजनेता चाचा रशिद मसूद की चमक भी फीकी पड़ गई। मसूद ने 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव नकुड़ सीट से लड़े। 2012 में उन्हें कड़े संघर्ष में बसपा के डा. धर्मसिंह सैनी ने मामूली वोटों के अंतर से पराजित किया।
इसी बीच उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव सहारनपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा। उस चुनाव के दौरान इमरान मसूद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देकर चर्चा में आये मगर इसका नुकसान उन्हे चुनाव हार कर उठाना पडा। इमरान मसूद ने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस टिकट पर लड़ा और 2 लाख सात हजार मत हासिल किए। जब सपा समर्थित बसपा उम्मीदवार हाजी फजर्लुरहमान कुरैशी चुनाव में विजयी हुए। जनवरी-2022 इमरान मसूद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए जहा उन्हें अखिलेश यादव ने उतनी तवज्जो नहीं दी जितनी इमरान मसूद चाहते थे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें विधानसभा का टिकट भी नहीं दिया। कुछ माह बाद वह बसपा में मायावती के हाथी पर सवार हो गए। उन्होंने कुछ माह पूर्व सहारनपुर के नगर निगम चुनावों में अपनी भाभी के नगर निगम अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाया जहां उनका रास्ता अखिलेश यादव ने विधायक आशु मलिक के छोटे भाई को चुनाव में उतारकर रोक दिया और भाजपा प्रतिकूल माहौल के बावजूद अपने उम्मीदवार डा. अजय सिंह को चुनाव जितवाने में सफल हो गई।
बसपा में भी इमरान मसूद ज्यादा नहीं टिके और सात अक्टूबर 2023 को दूसरी बार कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में उनके रिश्ते राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी और विश्वास योग्य है। इस बार वे कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए हैं और उन्हें सपा का समर्थन भी प्राप्त है।
हालांकि अखिलेश यादव इस सीट से बसपा के नाराज सांसद फजर्लुरहमान कुरैशी को चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन कांग्रेस हाईकमान की जिद्द के आगे अखिलेश यादव की एक ना चली। इमरान मसूद चुनावी मैदान में खिलाड़ियों के खिलाड़ी माने जाते हैं। उनका यह लगातार तीसरा लोकसभा चुनाव होगा। देखना है कि इस बार वे लोकसभा जाने में सफल रहते हैं या पिछले पांच-छह चुनावों की तरह पराजय ही उनको मिलती है।
सं प्रदीप
वार्ता
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