कारंगपंगसोर,(इंडोनेशिया) 08 अगस्त (रायटर) इंडोनेशिया के लंबोक द्वीप पर पिछले सप्ताह आए भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 131 हो गयी है। बुधवार को, बचाव टीम ने ध्वस्त इमारतों के मलबों से और शव निकाले। अभी भी उम्मीद की जा रही है कि मलबे में जीवित लोग फंसे हुए हैं।
इंडोनेशिया आपदा राहत एजेन्सी के प्रवक्ता सुतोपो पूर्वो नुगरोहो ने जकार्ता में पत्रकारों से कहा कि अभी यह निश्चित जानकारी नहीं है कि मलबे में फंसे लोगों में से कितने लोग जीवित हैं।
इस संदर्भ में ज्यादा ब्यौरा न देते हुए उन्होेंने कहा कि सूचनाओं के अनुसार इमारत के मलबों में कई लोग ज़िंदा दफन हो गए हैं, उन्हें निकाले जाने के लिए यह बहुत कठिन समय है।
राहत एजेन्सी ने भूकंप में मरने वालों की संख्या पहले 105 बताई थी, जिसमें से दो पश्चिम के पड़ोसी द्वीप बाली के थे, जहां आये भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6़ 9 मापी गयी थी।
लाेमबोक में इससे पहले 29 जुलाई को भी 6़ 4 तीव्रता वाले भूकंप के झटके आये थे जिसमें 17 लोगों की जान चली गयी थी और ज्वालामुखी के ढ़लान पर कुछ समय के लिए कई सौ पैदल यात्री फंस गए थे। इंडोनेशिया भूकंप बहुल क्षेत्र है, यहां नियमित भूकंप के झटके आते रहते हैं। भारतीय समुद्री सीमा में 2004 में आई सुनामी में 13 देशों के 226,000 लोगों की जानें गयीं थीं, जिनमें से 120,000 से भी अधिक लोग इंडोनेशिया के थे।
एजेन्सी ने मंगलवार को एक किराने की दुकान के मलबे में से एक जीवित महिला को बाहर निकाला। राहतकर्मी बुधवार को मस्जिद के मलबे को हटा कर उसमें फंसी महिला तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं जो फिनलैंड में हुए अंडर-20 चैंपियनशिप के राष्ट्रीय हीरो बने धावक की चाची है।
राहतकर्मी मस्जिद के मलबों को हटाने के लिए मशीनों का उपयोग कर रहे हैं लेकिन महिला के जीवित होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं, रिश्तेदारों ने भी महिला के जीवित होने की उम्मीद छोड़ दी है।
मलबों को हटाने के लिए भारी उपकरण आ जाने के बाद महिला के रिश्तेदार ने अाशा व्यक्त की कि अब महिला को बचाया जा सकेगा।
भूकंप की वज़ह से हजारों की संख्या में बेघर, भूखे लोगों के लिए, भोजन, साफ पानी, दवाइयों, आश्रय की जरूरत के सामने भूकंप के मलबों में फंसे लोगों को बचाने की उम्मीद अब धीरे धीरे कम होती जा रही है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि लोमबोक के उत्तरी हिस्से में रविवार से ही बिजली कटा हुई है, पुल और सड़कें भूकंप की वजह से पूरी तरह से टूट फूट गयी हैं, जिस कारण राहत कर्मियों को कुछ इलाकों तक पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है।
मंगलवार को जिनेवा में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॅास और रेड क्रेसेन्ट सोसायटी के मैथ्यू कोचह्रेन ने बताया की राहत टीम कुछ कुछ ऐसे शहरों के बारे में भी बता रहे हैं, जो असल में पूरी तरह से खाली हो गए थे, वहां कोई भी व्यक्ति नहीं था।
उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत इमारतें टूट-फूट गई थीं या ध्वस्त हो गईं थीं, रविवार से हजारों पर्यटकों ने भूकंप के फिर से झटके आने के डर से एयरलाइन्स द्वारा उपलब्ध करवाई गई विशेष सेवाओं और बाली से जलयानों से लोमबोक से चले गए हैं।
अधिकारियों केे अनुसार लोमबोक के उत्तर पश्चिम तट से अलग तीन गिली द्वीप को, लगभग 8,400 पर्यटकों और रिसोर्ट कर्मचारियों से खाली करवाया गया, जहां दो लोगों की जान चली गयी थी।
अमृता.श्रवण
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