दुनियाPosted at: Aug 31 2018 4:17PM आतंकवाद पर भारत को मिला बिम्स्टेक का समर्थनकाठमांडू 31 अगस्त (वार्ता) आतंकवाद पर भारत के रुख का समर्थन करते हुये बिम्स्टेक देशों के चौथे शिखर सम्मेलन में जारी घोषणा पत्र में बिना किसी देश का नाम लिये कहा गया है कि सिर्फ आतंकवादी तथा आतंकवादी संगठनों को ही नहीं आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। बिम्स्टेक के साथ सदस्य देशों बंगलादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल द्वारा स्वीकृत संयुक्त घोषणापत्र में आज कहा गया है, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादी, आतंकवादी संगठनों तथा आतंकवादी नेटवर्क को निशाना बनाने के साथ ही उन देशों तथा गैर-सरकारी संगठनों को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिये जो आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन और आर्थिक मदद प्रदान करते हैं, आतंकवादियों तथा आतंकवादी संगठनों को संरक्षण प्रदान करते हैं और उनका गुणगान करते हैं।”घोषणापत्र में बिम्स्टेक देशों के साथ ही दुनिया के किसी भी हिस्से में और किसी भी संगठन द्वारा किये गये आतंकवादी हमलों की भर्त्सना तथा आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की गयी है। इसमें कहा गया है कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य को सही नहीं ठहराया जा सकता। बिम्स्टेक के इस बयान को भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना माना जा रहा है। इससे पहले गुरुवार को शिखर सम्मेलन के मुख्य सत्र को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि बिम्स्टेक को ज्यादा सकारात्मक क्षेत्रीय समूह बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराधों, आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में बिम्स्टेक की भूमिका बढ़नी चाहिये। श्री मोदी ने कहा, “ हम सदस्य देशों में से कोई ऐसा नहीं है जिसने आतंकवाद का दंश न सहा हो। मादक पदार्थों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराध की समस्याएँ भी हैं। ड्रग्स की समस्या पर हम एक फ्रेमवर्क सम्मेलन का आयोजन करने के लिए तैयार हैं।”काठमांडू घोषणापत्र में आतंकवाद का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताई गयी और सदस्य देशों से इस मामले में व्यापक रुख अपनाने की अपील की गयी है। इसमें कहा गया है बिम्स्टेक देशों को आतंकवादियों तथा आतंकवादी गतिविधियों मिलने वाली आर्थिक मदद, आतंकवादियों की भर्ती और उनके सीमाओं के आर-पार आने-जाने और आतंकवाद के प्रसार के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को रोकने तथा आतंकवाद के सुरक्षित पनाहों को ध्वस्त के प्रयास करने चाहिये।अजीत.श्रवण वार्ता