नयी दिल्ली 08 अप्रैल (वार्ता) काेरोना महामारी के प्रभाव से निपटने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देते हुए सरकार अभी तक उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) की नौ योजनाओं की घोषणा कर चुकी है जिससे अगले पांच साल में औद्योगिक उत्पादन में कम से कम 500 अरब डालर की बढोतरी की संभावना है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि केंद्रीय बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण चैंपियन बनाने और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय की घोषणा की। इसका तात्पर्य है कि पीएलआई योजनाओं के परिणामस्वरूप देश में अगले पांच वर्षों में न्यूनतम उत्पादन 500 अरब डालर होने की उम्मीद है।
पीएलआई योजनाएं आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के प्रयासों का ठोस आधार है। इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और विनिर्माण में वैश्विक चैंपियंस बनाना है।
पहली तीन पीएलआई योजनाओं को मार्च 2020 में मंजूरी दी गई थी और इसके बाद नवंबर, 2020 में 10 अन्य नई पीएलआई योजनाएं शुरू की गई थीं। इनमें से, पिछली तीन योजनाओं को अधिसूचित किया गया था और दस नई योजनाओं में से छह को कैबिनेट ने मंजूरी मिल चुकी है।
सूत्रों के अनुसार ये योजनायें इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रौद्योगिकी उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स दवाएं, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद , खाद्य उत्पाद, बिजली का बड़ा सामान (एसी और एलईडी) और उच्च दक्षता वाला सौर पीवी मॉड्यूल शामिल हैं। इसके अलावा चार योजनाएं कैबिनेट की मंजूरी मिलने की प्रक्रिया में हैं। इनमें मोटर वाहन और उनके कलपुर्जे,बैटरी, कपड़ा उत्पाद, तकनीकी वस्त्र और इस्पात हैं।
सत्या
जारी वार्ता