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लोकरुचि


अब डिज़ायनर ड्रेस में दिखेंगे रेलवे कर्मचारी

नयी दिल्ली, 16 मई (वार्ता) भारतीय रेल के ढाँचागत बदलाव की कवायद में रेलवे की वर्दी भी शामिल हो गयी है और जल्द ही रेलवे कर्मचारी भी डिजायनर यूनिफाॅर्म में दिखायी देंगे जिसे डिजायन कर रही हैं, जानी मानी फैशन डिजायनर रितु बेरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प और रेल मंत्री सुरेश प्रभु की रेलवे की छवि सुधारने के कदमों से प्रभावित हो कर रितु ने भी खुद पहल की और रेल मंत्री श्री प्रभु से मिलकर रेलवे कर्मचारियों की वर्दी को नया रूपरंग देने की पेशकश की। उन्होंने इस काम के लिये कोई मेहनताना भी नहीं लेने की बात कही है। फैशन डिज़ायनिंग के जरिये देशसेवा का अनोखा उदाहरण पेश करने वाली रितु ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा “हां यह सच है कि मैं रेलवे कर्मचारियोेें के लिए वर्दी डिजायन कर रहीं हूं । मुझे लगता है कि किसी संस्थान की छवि एवं प्रभाव को बनाने में वर्दी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इसलिए मैंने रेलवे कर्मचारियों को नया रूपरंग देने के लिए यह पेशकश की है।” रेलवे के कुल करीब साढ़े 13 लाख कर्मचारियों में से लगभग सात लाख कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें वर्दी पहननी पड़ती है और ये वे कर्मचारी हैं जो जनता की नज़र के सामने काम करते हैं जिनका व्यवहार, सलीका और वेशभूषा आमलोगों में रेलवे की छवि बनाती है। इन कर्मचारियों में ट्रेनों में चलने वाले ट्रेन टिकट परीक्षक, गार्ड, लोकोपायलट, सहायक स्टेशन मास्टर से लेकर स्टेशन अधीक्षक, गैंगमैन, कुली, पार्सल एवं माल कर्मचारी, अनारक्षित टिकट वितरण काउंटरों एवं आरक्षण काउंटरों पर काम करने वाले कर्मी, रेल कारखानों में काम करने वाले छोटे-बड़े कर्मचारी तक शामिल हैं। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का मानना है कि कर्मचारियों की वर्दी आकर्षक होने से दो फायदे होंगे। पहला रेल कर्मचारी अधिक उत्साह से काम करेंगे और दूसरा यात्रियों एवं आम लोगों में भी रेलवे के प्रति सकारात्मक भावना पैदा होगी। रितु कहतीं हैं, “ मैं हमारे प्रधानमंत्री और रेलमंत्री की बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। मैं सरकार के इस साल के रेल बजट से अत्यधिक प्रभावित हुई हूँ।” उन्होंने कहा कि वह भारतीय रेलवे की एक नयी छवि बनाने में अपनी तरह से योगदान करके खुद को सम्मानित महसूस कर रहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी सेवाओं के लिये कोई शुल्क नहीं ले रही हूँ।” वर्दी की नयी डिज़ायन को लेकर उनकी अवधारणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म की डिज़ायन को लेकर वह अभी विभिन्न संभावनाओं पर शोध कर रही हैं। ऐसी सोच है कि कर्मचारियों की वर्दी उनके काम करने के वातावरण एवं परिस्थितियों के मुताबिक ही हो और कपड़ों का फैब्रिक भी उसी के अनुरूप चुना जाएगा। रितु ने कहा “ कपड़ाें का डिज़ायन इस प्रकार से तैयार किया जाएगा कि वह आकर्षक और असरदार होने के साथ आरामदायक भी रहे। हम अभी कपड़े के प्रकार और रंगों पर काम कर रहे हैं। मैं ड्रेस को पारंपरिक बनाये रखने के साथ उसमें वक्त की जरूरत के हिसाब से अाधुनिकता लाने की कोशिश करूंगीं।” उन्होंने कहा कि नयी वर्दी में सबसे ज्यादा ख्याल उसके आरामदेह होने पर रखा जायेगा। अमित, सचिन, यामिनी वार्ता

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