श्रीनगर 07 मार्च (वार्ता) जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों ने गुरुवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक रैली में सरकारी कर्मचारियों की मौजूदगी को लेकर सरकार पर तंज कसा।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश की इस राजधानी में श्री मोदी की रैली में शामिल होने के लिए सरकारी कर्मचारियों को शून्य से नीचे तापमान के बीच तड़के भेजा गया था।सरकारी कर्मचारियों को सुबह पांच बजे शून्य से नीचे तापमान में बडगाम बस स्टैंड पर वाहनों में बिठाया गया और प्रधानमंत्री की रैली में ले जाया गया।
पीडीपी अध्यक्ष ने एक्स एकाउंट पर पोस्ट में लिखा, “ यह देखना निराशाजनक है कि कर्मचारियों को यह सुंदर तस्वीर पेश करने के लिए जबरन लामबंद किया जा रहा है कि 2019 के बाद सब कुछ ठीक है और वे लोग अपने सामूहिक अशक्तिकरण और अपमान का जश्न मना रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया, “यह यात्रा केवल आगामी संसद चुनावों के लिए शेष भारत में भाजपा के मुख्य निर्वाचन क्षेत्रों को संबोधित करने और समर्थन जुटाने के लिए है।”
प्रधानमंत्री की यात्रा की पूर्व संध्या पर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर यहां श्री मोदी की रैली के लिए भीड़ सुनिश्चित करने के लिए ‘सभी प्रयास करने’ का आरोप लगाया था और कहा था कि भाजपा अपने दम पर ऐसा करने में सक्षम नहीं होगी।
विपक्षी दलों के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि यहां के लोग श्री मोदी के दीवाने हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के दिलों में कमल का फूल खिल गया है और जब संसद और विधानसभा चुनाव होंगे तो भाजपा विजयी होगी।
रैली में कर्मचारियों ने ‘शारीरिक उत्पीड़न’ की शिकायत की। कुपवाड़ा के एक कर्मचारी ने कहा कि उसे सुबह करीब चार बजे एक बस में लाया गया था।
एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा “कार्यस्थल के पास हमारा मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था। हमें ईश्वर की दया पर छोड़ दिया गया था क्योंकि हम समझ नहीं आ रहा था रैली में हमारा क्या काम है। रैली के लिए सरकार द्वारा सैकड़ों कर्मचारियों को जुटाया गया था।”
एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि शौचलय की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण कई लोगों को असुविधा हुई।
सोनिया, यामिनी
वार्ता