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पार्लियामेंट


श्री नायडू ने कहा कि दूसरे चरण में सदस्यों ने जिस तरह से सदन में व्यवहार किया वह संसदीय संस्थाओं के कामकाज पर दुखद टिप्पणी है और इससे लोगाों में संसद की छवि गिर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रेच्युटी विधेयक को पारित किये जाने के अलावा सत्र में कोई कामकाज नहीं हुआ और किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा भी नहीं हो सकी। हंगामे के कारण कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित नहीं कराये जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा का 245 वां सत्र समाप्त होने के समय हम देश की जनता को क्या संदेश देंगे कि उनकी समस्याओं को सुलझाने और आकांक्षाओं को पूरा करने में सदन का क्या योगदान रहा। उन्होंने कहा , “ मुझे लगता है कि कुछ नहीं हुआ और नतीजा यह निकला कि हम सबने खोया ही है। इसमें विपक्ष , सत्तारूढ पार्टी , सरकार और जनता तथा पूरा देश शामिल है। ” उन्होंने कहा कि सदस्यों को इस बात का आत्मावलोकन करने की जरूरत है कि सब कैसे समस्याओं को सुलझायें और कैसे उनका समाधान करें। यह जागने तथा भविष्य के बारे में सोचने का समय है।
दूसरे चरण में 419 तारांकित प्रश्न तथा 4472 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध थे जबकि केवल पांच प्रश्नों का मौखिक जवाब दिया गया। केवल एक ही विधेयक पारित हो सका जबकि इस दौरान पांच निजी विधेयक पेश किये गये। लगभग 60 सदस्यों को सेवा निवृत होने पर विदायी दी गयी और इनकी जगह 17 राज्यों और दिल्ली के नये सदस्यों को शपथ दिलायी गयी और केवल इस दौरान ही सदन सुचारू रूप से चला। महिला दिवस 8 मार्च को महिलाओं के मुद्दे पर विशेष चर्चा भी हुई।
संजीव
वार्ता
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