नयी दिल्ली 27 जून (वार्ता)केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा 31000 करोड़ रुपए के लम्बित पड़े अनाज खाते के मसले के हल के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ संयुक्त बैठक की अपील को स्वीकार कर लिया है।
कैप्टन सिंह ने आज यहां श्री पासवान के साथ बैठक की जिसके बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि श्री पासवान ने संसद के बजट सत्र के बाद बैठक की सहमति दी है। श्री पासवान ने अतिरिक्त भंडारण क्षमता सृजन करने के लिए भी पंजाब को इजाज़त देने की सहमति दी जिससे राज्य में इस रबी सीजन के दौरान फ़सल को भंडार करने की बड़ी कमी की समस्या से निपटा जा सके। इससे संबंधित कार्यवाही आरंभ की जायेगी।
मुख्यमंत्री को गेंहूं के खरीद सीजन के दौरान राज्य में भारीे बेमौसमी बारिश से गेहूँ के दानों को पहुँचे नुक्सान के लिए खरीद के मापदण्डों में ढील हासिल करने में भी सफलता मिली है। बैठक में उन्होंने 31000 करोड़ रुपए के अनाज खाते के मसले को भी उठाया और इसके शीघ्र हल के लिए श्री पासवान के निजी दख़ल की भी माँग की।
गेहूँ के दानों को पहुँचे नुक्सान के सम्बध में कैप्टन सिंह ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि केन्द्र सरकार ने 9 जि़लों को 8 मई, 2019 से मापदण्डों में ढील की इजाज़त दी थी जबकि इस समय तक तो बहुत सी खरीद मुकम्मल हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने केन्द्र को 26 अप्रैल 2019 को पत्र लिखकर राज्यभर में सीजन के दौरान गेहूँ की खरीद की समुची मात्रा के लिए ढील माँगी थी।
अनाज के भंडारण की गति धीमी होने पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने श्री पासवान को बताया कि राज्य सरकार को अनाज के लिए भंडारण करने के बड़ी कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रांतीय एजेंसियों द्वारा इस समय 160 लाख टन गेहूँ और 160 लाख धान की फ़सल का भंडारण किया गया जबकि 96 लाख टन गेहूँ खुले में पड़ा है और एक साल से अधिक समय पहले खऱीदा गया 10.5 लाख टन गेहूँ का अभी तक खुले में भंडारण है। राज्य से अनाज को उठाने की गति धीमी होने के नतीजे के तौर पर राज्य को अगले साल गेहूँ के वैज्ञानिक ढंग से भंडारण के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु, संसद सदस्य परनीत कौर, चौधरी संतोख सिंह और गुरजीत सिंह औजला, प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह उपस्थित थे।
संजीव
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