नयी दिल्ली, 05 जनवरी (वार्ता) झारखंड में पवित्र ‘श्री सम्मेद शिखर’ क्षेत्र को लेकर उठे विवाद पर केन्द्र सरकार के साथ बातचीत में ‘सुखद निराकरण ’ की जानकारी के लिए गुरुवार शाम राजधानी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में जैन समुदाय के दो पक्षों के बीच कहा-सुनी हो गयी ।
राजधानी के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन का कहना था,“ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव के कार्यालय में जैन समाज के प्रतिनिधियों की बैठक में श्री सम्मेद शिखरजी से संबंधित सभी प्रश्नों का सुखद निराकरण किया गया और उसके स्पष्टीकरण के लिए केन्द्र सरकार ने पर्यावरण वन और जलवायु परिवतर्न मंत्रालय की वेबसाइट पर अधिसूचना जारी कर दी है। ”
आयोजकों ने संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इस पर श्री पालरसिकलाल शाह, गजराज जैन गंगवाल, अजय चंद बोथरा, शिखरचंद पहाड़िया के हस्ताक्षर हैं। उसमें कहा गया है,“ सम्पूर्ण जैन समाज भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता है कि जैन समाज के पवित्रतम तीर्थस्थल ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ से संबंधित सभी भ्रांतियों का सुखद निराकरण हो गया है। ”
इसी दौरान, जैन समुदाय के दूसरे पक्ष के आयोजक मंच पर आ गए। उनमें से एक ने कहा,“ लोग संवाददाता सम्मेलन में अपनी बात कह कर चले गए हैं, उन्होंने आंदोलन पर बैठे लाखों जैन समुदाय का अपमान किया है।”
गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस तीर्थस्थल को पर्यटन स्थल में बदलने का निर्णय लिया था, जिसके बाद,जैन समुदाय के लोगों ने इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की, जिसको लेकर जैन समाज के लोग 25 दिसंबर 2022 से लेकर एक जनवरी 2023 तक अनशन पर बैठे थे।
संवाददाता सम्मेलन के आयोजकों ने इससे पहले संवाददाताओं से कहा, “ वन मंत्रालय के सभागार में भूपेन्द्र यादव ने कल जैन समाज की प्रमुख संस्थाओं सहित सभी की याचिकाओं को ध्यानपूर्वक सुना और उन्होंने आज इस विषय पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया।”
उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार से निवेदन करते हैं कि वह ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ क्षेत्र की पवित्रता को बनाएं रखें और साथ जैन समुदाय को सुरक्षित करें।
श्रद्धा. मनोहर.श्रवण
वार्ता