चेन्नई, 10 अप्रैल (वार्ता) तमिलनाडु के पूर्व बिजली मंत्री वी सेंथिलबालाजी के खिलाफ 2021 एवं 2023 के बीच ट्रांसफार्मर खरीद में 397 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच की मांग को लेकर एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
अरप्पोर इयक्कम की ओर से दायर याचिका में कथित घोटाले में मामला दर्ज करने के लिए सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) को निर्देश देने की मांग की गई है।
एनजीओ ने याचिका में डीवीएसी को निर्देश देने की मांग के अलावा विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की। एनजीओ द्वारा एकत्र की गई सामग्रियों से कथित तौर पर तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन (टैंजेडको) को ट्रांसफार्मर की आपूर्ति के लिए मिलीभगत वाली बोली के कारण सरकारी खजाने को 397 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
अदालत के समक्ष मंगलवार को दायर एक हलफनामे में, अरप्पोर इयक्कम के प्रबंध ट्रस्टी जयराम वेंकटेशन ने बताया कि वितरण लाइनों में उस स्तर तक जो अंतिम उपभोक्ता द्वारा उपयोग करने योग्य हो ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज को कम करने के लिए किया गया था।
टैंजेडको भार क्षमता आवश्यकताओं के आधार पर 25 केवीए से लेकर 500 केवीए तक की विभिन्न क्षमताओं में इन ट्रांसफार्मरों को खरीदता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि खरीद ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित करके होती है। इसलिए, उसने 45,800 वितरण ट्रांसफार्मर की खरीद के लिए 2021 और 2023 के बीच जारी 10 निविदाओं का विश्लेषण किया। उन्होंने दावा किया कि टैंजेडको द्वारा जारी इन निविदाओं का कुल मूल्य 1,182.88 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, विस्तृत जांच से यह पता चला कि 10 में से सात निविदाओं में मिलीभगत से बोली लगाने और गुटबाजी के माध्यम से ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के स्पष्ट सबूत है और इसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को 397 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया में तत्कालीन मंत्री सेंथिलबालाजी, टैंजेडको के सीएमडी राजेश लाखोनी और वित्तीय नियंत्रक (खरीद) वी. कासी की संलिप्तता पर संदेह करने वाली थी, याचिकाकर्ता ने इन तीनों को अपनी रिट याचिका में प्रतिवादी के रूप में शामिल किया है।
पिछले अन्नाद्रमुक शासन के दौरान बिजली मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान नौकरियों के बदले नकदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद श्री सेंथिलबालाजी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
श्री सेंथिलबालाजी ने बाद में अन्नाद्रमुक छोड़कर द्रमुक में शामिल हो गए और 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद मंत्री बनाए गए। 14 जून, 2023 को गिरफ्तारी के बाद भी बिना विभाग के मंत्री बने रहने पर अदालत द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
जांगिड़ अशोक
वार्ता