नयी दिल्ली 17 जनवरी (वार्ता) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ( एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र में अहमद नगर जिला की श्रीगोंडा तहसील में कई चीनी कारखानों के लिए गन्ना काटने के कार्य में लगी महिला श्रमिकों की दुर्दशा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एनएचआरसी ने महिला श्रमिकों की दुर्दशा के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 प्रतिशत महिलाएं गर्भवती हैं, लेकिन वे अपने वैध अधिकारों और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सुनिश्चित लाभों से अनभिज्ञ हैं। उन्हें न तो कोई मातृत्व अवकाश एवं बाल देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाती हैं और न ही संबंधित विभागों द्वारा किसी प्रकार का पौष्टिक आहार दिया जाता है।
आयोग का मानना है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह असहाय गरीब महिला श्रमिकों के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। गरीब श्रमिकों, बिना किसी विशेष देखभाल के काम के दौरान बच्चों को जन्म देने वाली महिला श्रमिकों सहित समाज के कमजोर वर्गों के वैध अधिकारोंकी रक्षा करना सरकार का प्रमुख कर्तव्य है। इस वजह से आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है और इस संबंध में चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
उल्लेखनीय है कि 11 जनवरी, 2023 को जारी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीगोंडा के तालुका चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उनके पास लगभग 35 महिला श्रमिकों का रिकॉर्ड है, जिन्होंने मौजूदा फसल के मौसम में बच्चों को जन्म दिया है। उन्होंने श्रीगोंडा तहसील के अंतर्गत आने वाले सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) से संबंधित आंकड़े दिए और यह भी कहा है कि कारखानों और बागवानों के प्रबंधन के लिए यह आवश्यक है कि इन महिला श्रमिकों को पौष्टिक आहार, कुछ दिनों की छुट्टी और गर्भावस्था की अवधि के दौरान और प्रसव के बाद आवश्यक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जागरूकता पैदा करे।
संतोष
वार्ता