श्रीनगर,09 मार्च (वार्ता) डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि संभावना है कि लोकसभा चुनाव के एक या दो महीने के भीतर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे।
श्री आजाद ने दक्षिण कश्मीर में एक सार्वजनिक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह पिछले छह साल से विधानसभा चुनाव की उम्मीद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,“हम पिछले छह से सात वर्षों से उम्मीद कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव होंगे। अब उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के एक-दो महीने के भीतर ये चुनाव होंगे। अब जम्मू-कश्मीर के लोग और इंतजार नहीं कर सकते।”
जब उनसे पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) में दरार के बारे में पूछा गया और क्या इससे भारतीय जनता पार्टी को मदद मिलेगी, तो पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि लोग अब समझ गए हैं कि किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देना है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके पास पीएजीडी विभाजन के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा,“यह बताना मुश्किल होगा कि इससे किसे फायदा होगा। अब लोग बहुत चतुर हैं और वे समझते हैं कि किस पार्टी या व्यक्ति को वोट देना है।”
पीएजीडी- जिसका गठन 2020 में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ने के लिए किया गया था- गठबंधन के दो मुख्य घटक नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर निशाना साधने के बाद टूटने की कगार पर है।
नेशनल कांग्रेस (नेकां) नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा कश्मीर में पीडीपी को कोई सीट देने से इनकार करने के बाद दरारें सामने आईं। इसके एक घंटे बाद पीडीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नेकां पर पीएजीडी गठबंधन को ‘तोड़ने’ का आरोप लगाया।
श्री आजाद ने कहा कि राजनीति में हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और दिल्ली तथा जम्मू-कश्मीर में भी ऐसी पार्टियां हैं जो कहती हैं कि उन्हें केवल चुनाव लड़ना चाहिए और किसी नई पार्टी को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
उन्होंने परोक्ष रूप से उन क्षेत्रीय दलों पर भी कटाक्ष किया जो कहते हैं कि श्री आजाद को भाजपा का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा,“उन लोगों से पूछें जो उनकी गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री या मंत्री रहे हैं। मैं (भाजपा शासन के दौरान) कभी भी मंत्री, सांसद या विधायक नहीं रहा।”
संजय,आशा
वार्ता