बिजनेसPosted at: Feb 5 2018 8:33PM बजट तैयार करना जटिल काम है लेकिन उस पर प्रतिक्रिया देना सरल: जेटली
नयी दिल्ली 05 फरवरी (वार्ता) वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बजट को तैयार करना जटिल काम है लेकिन उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना उतना ही सरल है।
श्री जेटली ने उद्योग संगठन फिक्की में वर्ष 2018-19 के आम बजट पर परिचर्चा में कहा कि हर कोई चाहता है कि सरकार अधिक व्यय करे। वर्ष 2018 की बजट वैश्विक अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी के बीच तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि बगैर कर बढ़ाये और अधिक व्यय करते हुये वित्तीय अनुसान का पालन करने की राह अपनायी गयी है। अगले कुछ वर्षाें में केन्द्र और राज्य सरकारों को कृषि और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना होगा क्योंकि तेज आर्थिक वृद्धि और विकास की संभावना छुपी है।
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है लेकिन सरकारी व्यय से इस पर जोर दिया गया है। कृषि, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सभी पर सरकारी व्यय बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्कीम को महत्वकांक्षी बताते हुये कहा कि इसको अगले कुछ महीने में शुरू करने का इरादा है।
वित्त मंत्री ने सभी छूट समाप्त करने के लिए कार्पोरेट कर में कटौती करने का वादा करते हुये कहा कि वसतु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कुछ कंपनियों में मुनाफे में बढोतरी हाेगी।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर जीएसटी लगभग तर्कपूर्ण हो चुका है और जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाना जारी रहेगा क्योंकि जीएसटी राजस्व में बढोतरी हो रही है। जीएसटी लागू होने के बाद देश में अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 64 लाख से बढ़कर एक करोड़ के पार पहुंच गयी है और इससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर की दिशा में बहुत उपाय किये गये हैं और इससे इस मद से मिलने वाले राजस्व में भी बढोतरी होगी जिससे आने वाले वर्षाेंं में राजकोषीय घाटा को लक्षित दायरे में रखने में मदद मिलेगी।
श्री जेटली ने जीएसटी दरों का उल्लेख करते हुये कहा कि इस कर व्यवस्था में शून्य प्रतिशत कर पांच प्रतिशत कर से ज्यादा महंगा बैठता है।
शेखर सत्या
वार्ता