भारतPosted at: Dec 7 2019 1:25PM जय प्रकाश नारायण के कारण रघुवीर सहाय की नौकरी बची दिनमान में
नयी दिल्ली, 07 दिसम्बर (वार्ता) लोकनायक जय प्रकाश नारायण के बीच बचाव से ही वर्ष 1974 में दिनमान के संपादक एवं यशस्वी कवि-लेखक रघुवीर सहाय की नौकरी बच पाई थी अन्यथा उन्हें प्रबंधन ने हटाने की तैयारी कर ली थी।
आपातकाल में हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य श्रीकांत वर्मा काफी ताकतवर हो गए थे और वे भी अपने वरिष्ठ सहयोगी रघुवीर सहाय को ‘दिनमान’ के संपादक पद से हटना चाहते थे। जनता पार्टी के बाद कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर श्री सहाय को ‘दिनमान’ के संपादक पद से हटा कर उन्हें नवभारत टाइम्स में भेज दिया गया था। श्री सहाय कांग्रेस विरोधी एवं समाजवादी पत्रकार थे जिसके कारण उन्हें यह सारा खामियाजा भुगतना पड़ा था।
यह रहस्योद्घाटन प्रसिद्ध कवि पत्रकार विष्णु नागर द्वारा रघुवीर सहाय पर हाल ही में प्रकाशित जीवनी में किया गया है। श्री सहाय की 90वीं जयन्ती पर रज़ा फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित इस जीवनी में हिंदी साहित्य राजनीति एवं पत्रकारिता से जुड़े अनेक दुर्लभ एवम रोचक प्रसंग दिए गए।
पुस्तक के अनुसार 09 दिसम्बर 1929 को लखनऊ में जन्मे एवं पले बढ़े रघुवीर सहाय शुरू में कम्युनिस्ट थे लेकिन वामपंथ से मोहभंग होने पर लोहिया के सम्पर्क में आकर वे समाजवादी हो गए लेकिन वे जय प्रकाश नारायण को उनसे अधिक मानते थे और उनके संपादन में दिनमान ने जे. पी. आंदोलन का खुल कर समर्थन किया था।
पुस्तक में बताया गया है कि कांग्रेस विरोधी होने का कारण उन्हें दिनमान से हटाने की तैयारी हो गई थी और यह बात जब जे. पी. को पहुंची तो उन्होंने प्रबंधन से बात करके श्री सहाय की नौकरी बचवाई।
अरविंद, उप्रेती
जारी वार्ता