Friday, Apr 26 2024 | Time 11:21 Hrs(IST)
image
लोकरुचि


ट्रेकिंग के लिए बेहतर स्पॉट बन सकता है रानीदरहा

जगदलपुर, 12 दिसंबर (वार्ता) छत्तीसगढ राज्य के बस्तर के तीरथगढ इलाके में स्थित रानीदरहा ऐसा स्थल है जहां ट्रेकिंग की अपार संभावनाएं हैं। यहां लगभग 100 फीट की खाई है जिससे यह क्षेत्र एक शानदार पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। इस जगह को ढूंढने वाले भूविज्ञान विशेषज्ञ जितेंद्र नक्का ने बताया कि तीरथगढ़ में निर्माणाधीन नए रेस्ट हाऊस से दो किलोमीटर दूर स्थित रानीदरहा में एक 100 फीट गहरी खाई के नजदीक कुंदरू नाला और मुनगाबहार नाला मिलता होता है। यह जगह किनारों पर सीधे 90 अंश के कोण में उर्ध्वाकार रूप में खड़ा है,जो इस घाट को खाई का रूप देकर यहां पहुंचने वालों के रोमांच को दोगुना करता है। रानीदरहा के समीप एक खुली जगह भी है, जहां सैलानी पिकनिक मनाने पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि कांगेर घाटी के सघन वनों के बीच स्थित रानीदरहा पहुंचना दुर्गम है और यहां तक पहुंचने के लिये अभी स्थानीय सहयोग की आवश्यकता पडती है। लेकिन यहां ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त सभी चीजें मौजूद हैं। रानी दरहा को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में प्रचलित एक किवदंती के अनुसार प्राचीन काल में इस क्षेत्र की रानी को किसी युद्ध में उनके पति की मृत्यु की झूठी सूचना दी गयी थी। इस सूचना से आहत रानी ने रथ सहित इस स्थान से कूदकर अपनी जान दे दी थी, जिसके साक्ष्य के रूप में रथ के पहियों के निशान आज भी इस स्थान के ऊपरी हिस्से में मौजूद हैं। इसके चलते यह स्थल रानीदरहा के नाम से जाना गया। श्री नक्का के मुताबिक प्राचीन काल के अपर पुराना काल में यहां तीरथराज का क्षेत्र होने के प्रमाण भी मिले हैं। यहां मिले अवशेषों से यह पता चलता है कि छिंदक नागवंशी काल में यहां तीरथराज ने अपना साम्राज्य स्थापित किया था, वहीं रानीदरहा के निकट ही पुराने किले की दीवार भी मौजूद है, जो यहां तीरथराज के महल का प्रमाण देती है। दूसरी ओर तीरथगढ़ सैंड स्टोन भी यहां मौजूद है। करीम विश्वकर्मा वार्ता

image