चंडीगढ़, 27 मई (वार्ता) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपने ‘बॉस’आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के इशारे पर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की कड़ी निंदा की है।
अकाली दल के प्रवक्ता सरदार चरणजीत सिंह बराड़ ने श्री मान की पंजाबियों के बजाय दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के राजनीतिक हितों को तरजीह देने की आलोचना करते हुए कहा,“ पंजाब सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और बुनियादी ढ़ाचे जैसे प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर खो दिया है। उन्होंने कहा कि आप की सरकार का दावा है कि ये मुद्दे उसके कार्यकाल माॅडल का आधार है, लेकिन उन्होंने उस बैठक का बहिष्कार करने का विकल्प चुना, जिसमें इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होने जा रही है। ”
श्री बराड़ ने कहा कि नीति आयोग की आठवीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में देश के विकास के लिए पूरे विस्तार से चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, “ मुख्यमंत्री को इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक धन मांगने के लिए बैठक में भाग लेना चाहिए था। ”
राज्य के खिलाफ भेदभाव के विरोध में मीटिंग का बहिष्कार करने के आप सरकार के दावों पर आपत्ति जताते हुए कहा,
“ नीति आयोग की बैठक से दूर रहने के बजाय राज्य के सामने आने वाले सभी मुद्दों का समाधान करने के लिए विरोध दर्ज किया जाना चाहिए था। ”
उन्होंने कहा कि श्री मान की सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने में नाकामी ने पहले ही राज्य और इसकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अब तक 3600 करोड़ रुपये के बकाया ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) जारी करने का मुद्दा प्रधानमंत्री के समक्ष नहीं उठाया है और न ही किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की है। उन्होंने कहा कि कई अन्य लंबित मुद्दे जिन पर नीति आयोग की बैठक में ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि उनका समाधान करना सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब ने इन सभी मुद्दों को हल करने का अवसर खो दिया है।
विजय.श्रवण
वार्ता