नयी दिल्ली, 03 अप्रैल (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्य सभा सांसद संजय सिंह के जमानत आदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता बांसुरी स्वराज का नाम ‘त्रुटिवश' बतौर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिवक्ता अंकित होने से संबंधित केंद्रीय जांच एजेंसी की दलीलों का बुधवार को संज्ञान लिया और कहा कि इस मामले में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने इस मामले में ईडी के अधिवक्ता ज़ोहेब हुसैन की उन दलीलों का संज्ञान लिया, जिसमें सुश्री स्वाराज का नाम दो अप्रैल को पारित एक आदेश ( संजय सिंह की जमानत आदेश) से हटाने का अनुरोध किया गया है।
पीठ ने इस संबंध में श्री हुसैन के विशेष उल्लेख करने पर कहा, "इस मामले में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।"
श्री हुसैन ने पीठ से गुहार लगाते हुए कहा, "उपस्थिति (अधिवक्ता की) में नाम दर्ज करने में अनजाने में त्रुटि हो गई। सुश्री बांसुरी स्वराज को न तो इस मामले में पैरवी के लिए कोई करार दिया गया और न ही वह अदालती सुनवाई के दौरान उपस्थित हुईं।"
केंद्रीय एजेंसी द्वारा "यांत्रिक रूप से" अधिवक्ताओं के नाम देने में त्रुटि हो सकती है। इसलिए उस ज़मानत आदेश में अधिवक्ता उपस्थिति को 'ठीक' किया जा सकता है।
इससे पहले ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में उस आदेश का एक 'स्क्रीनशॉट' साझा किया, जिसमें बांसुरी स्वराज का नाम था। उन्होंने इसे उद्धरित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और ईडी एक ही हैं।
सुश्री स्वराज को भाजपा ने नयी दिल्ली लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
बीरेंद्र,आशा
वार्ता