भारतPosted at: Apr 6 2019 6:22PM संसद में पिछले पांच साल निष्क्रिय रहे शत्रुघ्न
नयी दिल्ली, 06 अप्रैल (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शनिवार को शामिल हुए लोकसभा सदस्य शत्रुघ्न सिन्हा पिछले पांच साल के दौरान संसद में लगभग निष्क्रिय रहे लेकिन इस अवधि में उन्होंने अपनी सांसद निधि का पूरा इस्तेमाल किया।
श्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में पोत परिवहन मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे श्री सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने के कारण आरंभ से ही बगावती तेवर अपना लिए थे। पिछले पांच साल में उन्होंने श्री मोदी और उनकी सरकार की जमकर आलोचनायें की और आरोप लगाते रहे कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अब श्री मोदी की जेबी पार्टी बन गयी है।
श्री सिन्हा की इस नाराजगी का असर संसद में उनके कामकाज में भी देखने को मिला और संसद के रिकार्ड के अनुसार 16वीं लोकसभा में उन्होंने सदन में न कोई सवाल किया और न ही किसी चर्चा में हिस्सा लिया। यह वही श्री सिन्हा हैं जिन्होंने 15वीं लोकसभा में 67 सवाल सवाल पूछे थे और नौ बार सदन की चर्चा में हिस्सा लिया था। इस दौरान सदन में उनकी उपस्थिति महज 67 प्रतिशत ही रही जबकि लोकसभा में उपस्थिति के मामले में सभी सांसदों का औसत प्रतिशत 81 है।
भाजपा के टिकट पर लगातार दो बार बिहार के पटना साहिब से लोकसभा सदस्य रहे श्री सिन्हा को इस बार कांग्रेस ने इसी सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद चुनाव मैदान में हैं।