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लोकरुचि


साइबेरियन पंक्षियों के कलरव से गुंजायमान है सोहेलवा वन्यजीव क्षेत्र

साइबेरियन पंक्षियों के कलरव से गुंजायमान है सोहेलवा वन्यजीव क्षेत्र

बलरामपुर एक दिसम्बर (वार्ता) शरद ऋतु के आगमन के साथ उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले का सोहेलवा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र विदेशी मनमोहक मेहमान पंक्षियों के कलरव से गुंजायमान है।

वन विभाग के सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पंक्षी बिहार में साइबेरिया,अफगानिस्तान समेत अन्य दूरदराज के देशों से आये रंग बिरंगे विदेशी पक्षी चहचहाहट और मनमोहक अटखेलियों से पर्यटकों को खूब लुभा रहे है। शरद ऋतु की शुरुआत से ही साइबेरिया मे जबरदस्त बर्फबारी से पंक्षियों को भोज्य पदार्थ का अकाल पड़ने लगता है जिसके चलते साइबेरियन पक्षी हजारों मील का सफर तय कर भोजन की तलाश मे यहां आते है। चार महीने के प्रवास के बाद मार्च मे बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही वे गंतव्य स्थान पर वापस लौट जाते है।

उन्होने बताया कि करीब चार महीनों के इन दुर्लभ मेहमानों के यहां प्रवास करने से पर्यटकों से पंक्षी बिहार हरा भरा रहता है जिसका सीधा लाभ वन विभाग को होता है। इन दिनों दुर्लभ जाति व प्रजातियों के पण्कौआ ,पिहो ,जांघिल ,ड्बारु ,तिवारी ,नीलसर ,लालसर ,सीकपर ,पिंटेल ,सलही ,बारंकटा ,बगुला ,मैना, तोता ,सारस ,मोर और अन्य सुरीले पक्षियों ने पक्षी बिहार की हवाओं को भी संगीतमय सुरीली बना दिया है।

अफगानिस्तान से आये हाईबैक्टेल ने पर्यटको को अपनी मृदु वाणी के वश मे कर कैद कर रखा है। लुभावने विदेशी पक्षी लौटते समय प्रजनन भी करते है। पक्षियों के संग वन क्षेत्र मे पाये जाने वाले दुर्लभ सर्प ,वन्यजीव भी पर्यटकों को दिलखुश हरकतों से लुभा रहे है।

सूत्रों के अनुसार ,नेपाल ,दिल्ली व अन्य कई स्थानों पर फैले बर्ड फ्लू के कारण विदेशी पक्षियों में वायरस की आशंका को देखते हुये फिलहाल पर्यटकों को दूर से ही पक्षियों को निहारने की सलाह दी जा रही है। बहेलियो और शिकारियों की टेढ़ी नज़र से पक्षियों को बचाये रखने के लिये वनरक्षकों को सतर्क कर दिया गया है।

सं प्रदीप

वार्ता

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