भारतPosted at: Nov 4 2019 11:46PM उच्चतम न्यायालय ने फोन टैपिंग मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की खिंचाई की
नयी दिल्ली, 04 नवंबर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी और उनके परिजनों के फोन टैपिंग मामले को लेकर सोमवार को छत्तीसगढ़ सरकार को जमकर फटकार लगाई।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को एक हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि फोन टैपिंग किसके आदेश पर की गई थी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता तथा उनके परिजनों की निजता के अधिकार के हनन के प्रयास क्याें किए गए।
न्यायाधीश अरूण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा“ इस देश में क्या हो रहा है? किसी की निजता नहीं बची है?फोन टैपिंग का आदेश किसने दिया था।”
न्यायालय ने देश के नागरिकों के निजता के अधिकारों के हनन पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी की निजता ही नहीं बची है और रोजाना कुछ न कुछ हो रहा है।
श्री गुप्ता की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया कि इस मामले में जिन वकीलों के नाम आए हैं उनमें से एक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उच्चतम न्यायालय ने प्राथमिकी में शामिल वकील रवि शर्मा के खिलाफ जांच पर रोक लगा दी है और मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी।
जितेन्द्र.श्रवण
वार्ता