भारतPosted at: Dec 15 2019 10:15AM अनशन पर बैठीं स्वाति हुईं बेहोश,अस्पताल में भर्ती
नयी दिल्ली 15 दिसंबर (वार्ता) दुष्कर्मियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर पिछले 13 दिनों से राजघाट पर आमरण अनशन पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल रविवार की सुबह बेहोश हो गईं।
डीसीडब्ल्यू ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि सुश्री मालीवाल को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक सुश्री मालीवाल सुबह करीब सात बजे बेहोश हुयीं।
अनशन के 12वें दिन शनिवार को सुश्री मालीवाल के स्वास्थ्य में निरंतर आती गिरावट को देख डाक्टरों ने उन्हें तुरंत अनशन समाप्त करने की सलाह दी थी। डाक्टरों के मुताबिक सुश्री मालीवाल का यूरिक एसिड खतरनाक स्तर में पहुंच गया है।
सुश्री मालीवाल का वजन इस दौरान सात से आठ किलो वजन कम हो गया है। उनका रक्तचाप और शुगर का स्तर भी सामान्य से काफी कम हो गया है। उनकी जांच करने के बाद डाक्टरों ने उन्हें अनशन तुरंत खत्म करने की सलाह दी। सुश्री मालीवाल का यूरिक एसिड का स्तर 10.1 है जो सामान्य से काफी अधिक है। यह काफी खतरनाक स्तर है और इससे कीडनी फेल हो सकती है।
सुश्री मालीवाल ने दुष्कर्मियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान करने संबंधी ‘दिशा विधेयक’ को आंध्र प्रदेश विधानसभा से पारित करने के लिए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को शनिवार को पत्र लिखकर बधाई भी दी। उन्होंने कहा,“एक ओर आंध्र प्रदेश सरकार की यह पहल सराहनीय है वहीं इसके विपरीत केंद्र सरकार की चुप्पी दुखदायक है।”
सुश्री मालीवाल की शनिवार शाम को हालत बिगड़ गई थी तो डॉक्टरों और पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया था। मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, उनके खून में यूरिक एसिड खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे हालात में लिवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।
सुश्री मालिवाल ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा था जिसमें में उन्होंने श्री मोदी से पूरे देश में ‘दिशा विधेयक’ तत्काल लाने करने की मांग की है।
गौरतलब है कि दिशा विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों को 21 दिन के भीतर निपटारा करने और मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
इससे पहले सुश्री मालीवाल ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र सरकार के अभी तक के उदासीन रवैया पर दुख जताते हुए कहा था कि दिशा विधेयक के पूरे देश के लिए कानून बनने तक वह अपना अनशन खत्म नहीं करेंगी।
संजय.आशा
वार्ता