नयी दिल्ली, 14 नवंबर (वार्ता) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), जवाहरलाल नेहरु विश्वद्यािलय (जेएनयू) समेत अनेक केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने नयी शिक्षा नीति का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की सरकार से मांग की।
फेडरेशन ऑफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले इन शिक्षकों ने मंडी हाउस से जंतर मंतर तक रैली निकालकर यह मांग की। जेएनयू, डीयू, जामिया और इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) के सैकड़ों शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार से नयी शिक्षा नीति वापस लेने की मांग की।
भाकपा के डी रजा, आम आदमी पार्टी के दिलीप पण्डेय, माकपा की सुभाषिनी अली और कांग्रेस के नेताओं ने शिक्षकों को सम्बोधित किया और कहा कि वे इस मुद्दे को शीतकालीन सत्र में उठाएंगे। फेड कूटा के सचिव राजीव राय ने कहा कि सरकार नयी शिक्षा नीति के जरिये उच्च शिक्षा का निजीकरण कर रही है और दलित एंव आदिवासी तथा वंचित वर्ग के छात्रों को वंचित रखना चाहती है, जे एन यू इसका ताजा उदाहरण है जहां होस्टल फीस मेस की फीस बढ़कर ऐसे छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा को समावेशी बनाये और सबको समान सस्ती शिक्षा प्रदान करे एंव शिक्षकों की अनुबंध पर नियुक्ति बन्द करे। नयी शिक्षा नीति पर व्यापक विमर्श कर छात्रों और शिक्षकों के हितों की रक्षा की जाए।
अरविंद, शोभित
वार्ता