चंडीगढ़, 05 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने देश के सैनिक स्कूलों में राष्ट्रभक्ति की बजाय अपने संगठनों की विचारधारा को परोसने के ‘षड्यंत्र’ के तहत सैनिक स्कूलों में सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मोड की शुरुआत की गयी।
श्री सैलजा ने यहाँ जारी बयान में कहा कि पीपीपी मोड लागू करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से जुड़े लोगों को सैनिक स्कूल चलाने की इजाजत देने से साफ है कि यहां पढ़ने वाले छात्रों के दिमाग में संघ की विचारधारा भरने की शुरुआत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्टर्स क्लेक्टिव की ताजा रिपोर्ट से साफ है कि 62 प्रतिशत नये सैनिक स्कूल संघ परिवार, भाजपा के नेताओं और उनके सहयोगियों द्वारा चलाए जा रहे हैं। आठ स्कूलों का प्रबंधन तो आरएसएस या फिर उसके सहयोगी संगठन करते हैं, जबकि छह स्कूल हिंदू धार्मिक संगठनों से जुड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ एक दिन में नहीं हुआ, बल्कि साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया है, ताकि छात्रों की विचारधारा को ये बचपन से ही अपने अनुसार बदल सकें।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल का मुख्य कार्य छात्रों को विद्यार्थी जीवन से ही सेना की तरह अनुशासित जीवन में ढालना और सेना की जरूरत के अनुसार अफसर तैयार करना होता है। हरियाणा में दो सरकारी सैनिक स्कूल करनाल और रेवाड़ी जिले में पहले से चल रहे हैं, जबकि, पीपीपी मोड पर एक सैनिक स्कूल फतेहाबाद जिले के खारा खेड़ी में शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब कुरुक्षेत्र जिले में पीपीपी मोड पर एक और सैनिक स्कूल शुरू करने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है, जो सरासर गलत हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिये कि वह सैनिक और मिलिट्री स्कूलों की संख्या को तो बढ़ाये, लेकिन पीपीपी मोड पर खोलने की बजाय पहले की तरह सरकारी पैटर्न पर खोले।
महेश.श्रवण
वार्ता