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कश्मीर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पार्टी का निर्णय था: आजाद

कश्मीर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पार्टी का निर्णय था: आजाद

श्रीनगर, 19 अप्रैल (वार्ता) डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कहा कि वह किसी से आज्ञा नहीं लेते हैं और कश्मीर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला उनकी पार्टी का फैसला था।

श्री आजाद ने डीपीएपी उम्मीदवार सलीम पार्रे द्वारा अनंतनाग में अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “जब मैं दिल्ली से आया तो मैंने लोगों से कहा था कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करूंगा। मेरे लोगों ने मुझसे कहा कि मैं संसद का चुनाव लड़कर फिर से दिल्ली जा रहा हूं और जो मैंने कहा था उसका उलटा कर रहा हूं। इसलिए मैंने उनकी बात सुनी और यहीं उनकी सेवा करने का फैसला किया।”

उन्होंने कहा कि संसद का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पार्टी ने लिया है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ने के लिए किसी से आदेश नहीं लेते। उन्होंने कहा,“कमान गुलाम नबी आजाद के हाथ में है, किसी बाहरी ताकत के हाथ में नहीं।”

गौरतलब है कि गत दो अप्रैल डीपीएपी ने घोषणा की कि श्री आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे। एक पखवाड़े बाद श्री आजाद की पार्टी ने सलीम पार्रे को अपनी पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सलीम पार्रे एक सक्षम उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा,“मुझे यकीन है कि पारे आराम से चुनाव जीतेंगे।”

पूर्व कांग्रेसी नेता ने कहा कि उधमपुर संसदीय क्षेत्र में डीपीएपी की स्थिति बहुत अच्छी है, जहां शुक्रवार को पहले चरण का मतदान हो रहा है।

मतदान पर श्री आजाद ने कहा कि उनका मानना ​​है कि अप्रैल में चुनाव कराना राज्य अधिकारियों और चुनाव आयोग द्वारा की जा रही एक गलती है, क्योंकि इस महीने के दौरान बारिश मतदान को प्रभावित करती है।

डीपीएपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को विरोधियों की आलोचना करने से परहेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा,“हमें अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। मैं अपने सभी विपक्षी नेताओं का सम्मान करता हूं, चाहे वे मुझसे वरिष्ठ हों या कनिष्ठ।”

संजय,आशा

वार्ता

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