खेलPosted at: Jun 2 2020 8:50PM फ्लॉयड की मौत से खेल जगत में फिर उठा नस्लभेद का मुद्दा
न्यूयॉर्क, 02 जून (वार्ता) अमेरिका में अफ्रीकी मूल के अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद खेल जगत में नस्लभेद का मुद्दा उठ गया है और यह जोर पकड़ता जा रहा है।
नस्लभेद खेल में कोई नयी बात नहीं है और कई वर्षों से विभिन्न खिलाड़ियों ने बहुत बार नस्लभेदी टिप्पणी की शिकायत की है। नस्लभेद के कारण ही दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को लम्बे समय तक प्रतिबंधित कर दिया गया था।
फुटबॉल की विश्व संस्था फीफा ने विभिन्न फुटबॉल लीग से मैच के दौरान सतर्कता बरतने के लिए कहा है। फीफा के नियमानुसार कोई भी खिलाड़ी मैच के दौरान जर्सी पर किसी तरह के राजनीतिक, धार्मिक और निजी नारे नहीं लिख सकता है। लेकिन जर्मनी में जारी बुंदेसलीगा टूर्नामेंट के दौरान कई खिलाड़ी जर्सी पर जस्टिस फॉर जॉर्ज फ्लॉयड के लिखे नारे के साथ मैच खेलते नजर आए थे।
फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में प्रदर्शन हो रहे हैं जो लगातार हिंसक होते जा रहे हैं। इस बीच खेल जगत के कई खिलाड़ियों ने भी इस घटना पर रोष प्रकट किया है। जापान की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने भी फ्लॉयड की मौत पर दुख व्यक्त किया और नस्लभेद के खिलाफ आवाज बुलंद की।
ओसाका ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “एक समय ऐसा आता है जब चुप रहना विश्वासघात करने के समान होता है। अगर आपके साथ ऐसा नहीं हुआ है तो इसका मतलब यह नहीं होता कि ऐसा हुआ ही नहीं है।” फेसबुक पोस्ट में उन्होंने फ्लॉयड के चेहरे की पेटिंग पोस्ट की जिसमें कई प्रदर्शनकारी “जस्टिसफॉरफ्लॉयड” हैशटेग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
अमेरिका के स्टार मुक्केबाज फ्लॉयड मेवेदर ने जॉर्ज फ्लॉयड के अंतिम संस्कार का खर्च वहन करने का प्रस्ताव दिया है। पूर्व फाइव डिविजन विश्व चैंपियन की प्रमोशनल कंपनी मेवेदर प्रोडकशन ने ट्विटर पर इस खबर की पुष्टि की है।
वेस्टइंडीज के पूर्व टी-20 कप्तान डेरेन सैमी ने भी फ्लॉयड की मौत की खबर के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और अन्य क्रिकेट बोर्डों से नस्लभेद के खिलाफ आवाज बुलंद करने की मांग की है।
सैमी ने कहा, “अगर इस समय भी क्रिकेट जगत रंगभेद के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा तो वो भी इसका हिस्सा ही होगा। आईसीसी और अन्य क्रिकेट बोर्ड आपको नजर नहीं आ रहा कि मेरे जैसे लोगों के साथ क्या हो रहा है। क्या आप मेरे जैसे लोगों के साथ हो रहे सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे।”
शोभित राज
वार्ता