मुंबई 28 नवंबर(वार्ता) एक महीने से अधिक समय तक चले राजनीतिक उतार चढाव के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरूवार को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली और इसके साथ ही राज्य में महा विकास अघाडी गठबंधन की सरकार बन गयी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां शिवाजी पार्क में आयोजित भव्य समारोह में श्री ठाकरे को पद और गाेपनीयता की शपथ दिलायी। श्री ठाकरे ने मराठी भाषा में शपथ ली। वह राज्य के 18 वें मुख्यमंत्री बने हैं। श्री ठाकरे के साथ ही छह मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जयंत पाटिल और छगन भुजबल तथा कांग्रेस के बाला साहेब थोराट और नीतिन राउत शामिल हैं। सभी मंत्रियों ने भी मराठी भाषा में शपथ ली। श्री ठाकरे के साथ किसी ने उप मुख्यमंत्री के रुप में शपथ नहीं ली है।
शपथ ग्रहण समारोह में जमकर आतिशबाजी हुई और तुरही बजाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर शिवाजी पार्क में हजारों लोग मौजूद थे और सबने ‘भारत की जय’ के साथ मंत्रियों का अभिनंदन किया। अचानक पाला बदलकर फडणवीस सरकार में उप मुख्यमंत्री बने राकांपा के श्री अजित पवार को फिलहाल मंत्री परिषद में शामिल नहीं किया गया है लेकिन वह समारोह में मौजूद थे।
श्री ठाकरे ने शपथ ग्रहण करने के बाद मंच पर खड़े होकर हाथ हिलाया और मंच पर झुककर उसका स्पर्श किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पृथ्वीराज चव्हाण, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, कांग्रेस के अहमद पटेल, सुशील कुमार शिंदे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे और प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी तथा उनकी पत्नी नीता अंबानी भी मौजूद थी। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अौर वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने समारोह में भाग नहीं लिया।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद एक नाटकीय घटनाक्रम में श्री फडणवीस के मुख्यमंत्री के रुप में और श्री अजित पवार के उप मुख्यमंत्री के रुप में इस्तीफा देने के बाद राकांपा, कांग्रेस अौर शिवसेना के गठबंधन की सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
शुरु में श्री उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय हो गया था लेकिन श्री अजित पवार के पाला बदलने के कारण श्री फडणवीस की सरकार बन गयी और श्री ठाकरे वंचित रह गये। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया अौर अदालत ने श्री फडणवीस काे 27 नवंबर को शाम पांच बजे के बाद विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया था लेकिन उन्होंने 26 नवंबर को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।
अरविंद सत्या अरुण
वार्ता