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कोरोना से मौत होने पर परिजनों को मिल सकेगा शव-शर्मा

कोरोना से मौत होने पर परिजनों को मिल सकेगा शव-शर्मा

जयपुर, 08 सितंबर (वार्ता) राजस्थान सरकार ने मानवीय संवेदना और आमजन की भावनाओं के मद्देनजर वैश्विक महामारी कोरोना के मरीजों की मौत के बाद उनका शव परिजनों को सौंपने और पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने आज बताया कि सरकार सजग और सतर्क होने के साथ संवदेनशील भी है। आमजन की मंशा के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 संक्रमितों की देह को उनके परिजनों को सौंपने और पूर्ण सावधानी के साथ अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रसार देश भर में तेजी से हो रहा है, ऐसे में लोगों को पूर्ण सावधानी बरतनी होगी। भावनात्मक रूप से बरती गई कोई भी लापरवाही आमजन के लिए घातक परेशानी का कारण बन सकती है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का संक्रमण ड्रॉपलेट्स के जरिए होता है, यदि शव को निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ समुचित सावधानियां अपनाते हुए संभाला जाए तो उससे संक्रमण के फैलने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मृतक की कोरोना जांच कराना जरूरी नहीं है। उसी व्यक्ति की कोविड-19 जांच की जाए जिनकी मृत्यु आईएलआई या एसएआरआई लक्षण से हुई हो। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट की इंतजार में बिना भी शव परिजनों को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मृतक का पोस्टमार्टम करना भी जरूरी नहीं है।

उन्होंने बताया कि शव लेने के बाद पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार पारदर्शी बैग में संबंधित मरीज की जानकारी अंकित कर परिजन उसे अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक श्मशान या कब्रिस्तान ले जाने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने बताया कि शव की सूचना के बारे में भी परिजनों को ही जिला प्रशासन को सूचित करना होगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 से ग्रसित व्यक्ति का शव नहीं लेना चाहते तो अस्पताल और स्थानीय निकाय द्वारा उनका अंतिम संस्कार कराया जा सकता है।

डा शर्मा ने बताया कि मृतक के अंतिम दर्शन का भी प्रोटोकॉल तय किया गया। भावनाओं में बहकर शव को छूना, लिपटना, चूमना प्रतिबंधित रहेगा। अंतिम संस्कार में 20 व्यक्तियों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट, दस्ताने, मास्क, सामाजिक दूरी तथा अन्य प्रोटोकॉल की पूर्णतया पालना करना आवश्यक है। शव को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए भी किसी अनुमति की आवश्कता नहीं होगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी प्रकार की असावधानी नहीं बरतें ताकि बड़ी परेशानी से बचा जा सके।

जोरा

वार्ता

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