नयी दिल्ली, 13 जनवरी (वार्ता) देश की राजधानी के नयी दिल्ली स्टेशन के पुनर्विकास की परियोजना के लिए निवेशकों एवं डेवेलपर्स को आकर्षित करने के उद्देश्य से रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) गुरुवार से एक छह दिवसीय वर्चुअल रोड शो का आयोजन करने जा रही है।
रेल मंत्रालय के अधीन उपक्रम आरएलडीए 14 से 19 जनवरी 2021 के बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (एनडीएलएस) परियोजना के पुनर्विकास पर वर्चुअल रोड शो आयोजित करेगी जिसमें सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और स्पेन समेत विभिन्न देशों के निवेशक और डेवेलपर्स हिस्सा लेंगे। इसमें संभावित बोली प्रदाताओं के साथ प्रस्तावित लेनदेन की संरचना और परियोजना के विभिन्न आयामों पर चर्चा होगी। इस पहल का उद्देश्य संबद्ध पक्षकारों जैसे कि यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत भौगोलिक क्षेत्रों के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय रियल एस्टेट डेवेलपर्स और वित्तीय संस्थानों को शामिल करना है। परियोजना को बेहतर ढंग से समझाने के लिए आरएलडीए ने परियोजना से संबंधित एक वॉकथ्रू भी तैयार किया है जिसे रोड शो के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा।
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने यह जानकारी देते हुए कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास हमारी प्रमुख परियोजनाओं में से एक है जो पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देगा और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की शुरूआत करेगा। यह परियोजना विभिन्न हितधारकों को आकर्षित कर रही है, और हम वर्चुअल रोड शो के माध्यम से इसमें तेजी बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। यह पहल परियोजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में उन्हें जागरूक करेगी।”
नई दिल्ली स्टेशन रणनीतिक रूप से दिल्ली के केंद्र में और राजधानी के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र कनॉट प्लेस के काफी निकट है। यह एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन मेट्रो के द्वारा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से और येलो लाइन मेट्रो के द्वारा दिल्ली-एनसीआर से जुड़ा हुआ है। स्टेशन के दोनों ओर से परिवहन के विभिन्न साधनों से जुड़ा हुआ है।
श्री डुडेजा के अनुसार इस परियोजना को 60 वर्षों की अवधि के लिए डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर (डीबीएफ़ओटी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसमें लगभग 68 करोड़ डॉलर का पूंजी व्यय होने की उम्मीद है। परियोजना में रियल एस्टेट अधिकारों से राजस्व अर्जन भी शामिल है। परियोजन को लगभग चार वर्षों में पूरा किया जाना है। वर्तमान में यह परियोजना दो फरवरी 2021 तक रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) चरण में है। सितंबर 2020 के महीने में एक प्री-बिड सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें अडानी, जीएमआर, जेकेबी इन्फ्रा, अरबियन कन्स्ट्रकशन कंपनी, एसएनसीएफ़, एंकरेज जैसे प्रमुख कंपनियों ने भाग लिया था।
मास्टर प्लान एरिया लगभग 120 हेक्टेयर का है, जिसमें से 88 हेक्टेयर को चरण-1 (परियोजना) में शामिल किया गया है। इस परियोजना में लगभग 12 लाख वर्गमीटर का विकास किया जाएगा। परियोजना के दो घटक हैं - पहला, स्टेशन कंपोनेंट- विभिन्न सुविधाओं के साथ नई टर्मिनल बिल्डिंग, रेलवे कार्यालय, रेलवे क्वार्टर और सहायक रेलवे कार्य तथा दूसरा घटक, स्टेशन से सटे एस्टेट- रिटेल स्पेस जैसे वाणिज्यिक कार्यालय, होटल और आवासीय परिसर हैं। स्टेशन विभिन्न नई सुविधाओं से सुसज्जित होगी, जिसमें गुंबद के आकार की टर्मिनल बिल्डिंग जिसमें दो-आगमन और दो-प्रस्थान होंगे, स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच), 40 मंजिल ऊंचे ट्विन टॉवर (होटल/कार्यालय और पोडियम पर खुदरा केंद्र के साथ) और हाई स्ट्रीट खरीदारी के साथ पैदल यात्रियों के लिए अलग मार्ग शामिल होगा। परिवहन एकीकरण और विकास के लिए स्टेशन को एक बहु-मॉडल केंद्र के रूप में प्रस्तावित किया गया है। यह दिल्ली एनसीआर में ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) अवधारणा पर विकसित किया जाने वाला पहला प्रोजेक्ट बन जाएगा।
आरएलडीए वर्तमान में 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक कंपनी आईआरएसडीसी ने अन्य 61 स्टेशनों को पुनर्विकसित करने हेतु चयनित किया है। पहले चरण में आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर, पानीपत, पुड्डुचेरी और एर्नाकुलम जैसे प्रमुख स्टेशनों को चुना है। देश भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित किया जाएगा।
सचिन
वार्ता