नयी दिल्ली 28 जून (वार्ता) सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के वास्ते पांच वर्षों का विज़न प्लान यानी दृष्टि योजना तैयार की है।
एजुकेशन क्वालिटी उपग्रेडेशन एंड इंकलुसिव प्रोग्राम नामक यह योजना दस विशेज्ञ समितियों के सुझाव के आधार पर तैयार की गई है। इस योजना की प्रति आज मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को भेंट की गई।
प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन, प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. विजय राघवन, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( आईआईटी) मद्रास के अध्यक्ष पवन गोयनका , नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत, आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अध्यक्ष एम. एस. अनंत, आईआईटी मुंबई के प्रो. दीपक पाठक, इंफोसिस के पूर्व सीईओ के. गोपालकृष्णन, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कोलकत्ता के पूर्व अध्यक्ष अजित बलाकृष्णन, केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात के कुलपति हसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित इन समितियों ने दस महत्वपूर्ण सुझाव दिए है जिसमे दाखिला प्रतिशत बढ़ाने से लेकर शोध कार्य बढ़ाने और देश की शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर मंत्रालय को ऐसी ही योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। दस विशेषज्ञ समितियों ने 50 ऐसे सुझाव दिए हैं जिनको लागू करने से देश मे शिक्षा की तस्वीर बदल सकती है