नयी दिल्ली 03 अप्रैल (वार्ता) वायु, जल एवं ध्वनि समेत सभी प्रकार के प्रदूषणों को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में उपस्थित हाेने के आदेश के तहत पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार डे ने मंगलवार को इस संबंध में राज्य की प्रगति रिपोर्ट पेश की।
श्री डे ने एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ को 31 पन्नों की ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ सौंपी जिसमें वायु, जल, ध्वनि ,ठोस कचरा निपटान प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में हुयी प्रगति के बारे में अदालत को अवगत कराया। साथ ही ,उन्होंने स्वर्णरेखा नदी में अवैध बालू खनन , नदियों को स्वच्छ करने से संबंधित समिति ,औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषित कलस्टर , नमामी गंगे परियाेजना, घर -घर से कचरा एकत्र करने ,प्लास्टिक कचरा प्रबंधन आदि कार्यों में मिली सफलता के बारे में भी अदालत को जानकारी दी।
रिपोर्ट के अनुसर राज्य में अक्टूबर मध्य से मार्च मध्य तक हवा की गुणवत्ता खराब रहती है। राज्य सरकार ने वायु की गुणवत्ता की निगरानी के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में एक साप्ताहिक समिति बनायी है और निर्माण स्थलों से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किये गये हैं। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में उठाये गये अन्य महत्वपूर्ण कदमों में 80 इलेक्ट्रिक बसें चलाये की योजना पर काम हो रहा है जिसमें राजधानी कोलकाता में 20 बसें चल भी रही हैं और शेष बसों के जून तक सड़कों पर दौड़ने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 से फरवरी 2019 तक 15 वर्ष से पुराने एक लाख 17 हजार 631 वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित कर दिया गया है।
नमामी गंगे परियोजना के तहत भी सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। नदियों की स्वच्छता के लिए एनजीटी के 20 सितम्बर 2018 के आदेश के तहत राज्य सरकार ने छह सदस्यीय नदी स्वच्छता समिति बनायी है जिसमें विभिन्न स्तरों पर काम हाे रहा है। गंगा नदी में गंदा पानी छोड़ने वाले कुल 57 बड़े बरसाती नालों की पहचान की गयी है। ऐसे नालों में मानव अपशिष्ट और अन्य प्रकार के कचरे फेंके जाते हैं जिससे गंगा मैली होती है। इनमें से 39 नालों को जल शोधन संयंत्र से जोड़ने समेत कई उपाय किये गये हैं।
गंगा के सभी घाटों पर कूड़ेदान रखने के निर्देश दिये गये हैं और संबंधित अधिकारियों को नदी के एक किलोमीटर दायरे के अंदर कूड़ा जमा करने पर तत्काल रोक सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। राज्य के 42 शहरों में घाटों और नालों की पहचान की गयी है जहां से गंगा को मैला किया जाता है। अब तक 217 कूड़ेदन रखे गये हैं और गंगा की सफाई में 1082 कर्मी जुटे हुए हैं।
अदालत ने मुख्य सचिव को दोबारा बुलाया है। उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यसचिवों को मार्च से लेकर मई तक विभिन्न तिथियों पर अदालत में व्यक्तिगत रुप से हाजिर होकर सभी प्रकार के प्रदूषण के संबंध में उठाये गये कदमों से अवगत कराने का आदेश दिया है।
आशा जितेन्द्र वार्ता