नयी दिल्ली 29 अप्रैल (वार्ता) मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपने खेल को लेकर इतना प्रतिबद्ध थे कि गलत शॉट खेलकर आउट होने पर वह खुद पर नाराजगी व्यक्त करने से नहीं चूकते थे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च 1998 में चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच में पहली पारी में शेन वार्न की गेंद पर मात्र चार रन पर आउट होने के बाद उन्होंने खुद को फिजियो के कमरे में एक घंटे के लिए बंद कर लिया था। सचिन ने फिर भारत की दूसरी पारी में नाबाद 155 रन बनाये थे और भारत ने यह टेस्ट 179 रन से जीता था और सचिन प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे।
सचिन के टीम साथ रहे वीवीएस लक्ष्मण ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में शेन वार्न के खिलाफ सचिन की बल्लेबाजी पर कहा, “सचिन चेन्नई में टेस्ट मैच के लिए वास्तव में अच्छी तरह से तैयार थे। पहली पारी में वह चार रन पर आउट हो गए। उन्होंने एक चौका लगाया और फिर मिड ऑन के ऊपर से एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की, जो टर्न के खिलाफ था और मार्क टेलर ने कैच कैच लपक लिया। मुझे याद है कि सचिन ने खुद को फिजियो के कमरे में बंद कर लिया था और लगभग एक घंटे के बाद ही बाहर आये।”
लक्ष्मण ने कहा, “जब वह बाहर आये, तो हमने देखा कि उसकी आंखें लाल थीं। मुझे लगा कि वह बहुत भावुक हैं क्योंकि वह जिस तरह से खेले उससे नाखुश थे। फिर दूसरी पारी में उन्होंने जिस तरह से धमाका किया और शेन वार्न को झटका दिया, जो लेग स्टंप के बाहर रफ जगह पर गेंद डाल रहे थे ताकि गेंद को टर्न करा सकें लेकिन सचिन इस तरह की गेंदबाजी के लिए खुद को पहले से ही तैयार कर चुके थे। सचिन ने वार्न की गेंदों को मिड ऑफ और मिड ऑन क्षेत्र में मारा और नाबाद शतक बनाया। वार्न के साथ वह प्रतिस्पर्धा मैंने देखी जो मेरे ख्याल से सबसे अच्छी थी।”
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