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युवा न्यूरो सर्जन टीम भावना और हमेशा सीखते हुए करे काम: रेसनर

युवा न्यूरो सर्जन टीम भावना और हमेशा सीखते हुए करे काम: रेसनर

जयपुर, 01 मार्च (वार्ता) विश्व न्यूरोट्रोमा सोसायटी के अध्यक्ष डा. एंड्रू रेसनर सहित देश और दुनिया के अनेक बड़े न्यूरो सर्जन्स ने कहा है कि न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में आ रहे युवा चिकित्सकों को टीम भावना के साथ काम करने और नया सीखने की ललक हर कदम पर बनाए रखना चाहिए।

तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रिसेंट एडवांसेज इन न्यूरो ट्रोमेटोलॉजी (इकरान-2024) के पहले दिन आज यहां आयोजित विशेषज्ञों से मुलाकात सत्र में इन विशेषज्ञ न्यूरोसर्जंस ने अपने कामयाब जीवन के अनुभव साझा करते हुए यह सलाह दी। उन्होंने कहा कि रोगी को अपना सर्वोत्तम देने वाले न्यूरो सर्जन का यह पहला और महत्वपूर्ण लक्षण है कि वह अपने और अपने पेशे के प्रति सदैव मेहनती और ईमानदार रहे।

इन चिकित्सकों ने कहा कि आपस में आगे बढ़ने की होड़ करने के बजाय टीम भावना से काम करना और सर्जरी के बाद अच्छी न्यूरो पुनर्वास सेवाएं देना पेशे और रोगी, दोनों के हित में रहता है। डा. वी एस मेहता ने युवाओं को सर्वोत्तम बनने की सलाह दी। फिलीपीन्स के डा. लिन लुसीना ने अपने देश में न्यूरोट्रोमा सोसायटी के जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी दी।

डा. के श्रीधर ने अच्छी न्यूरोट्रोमा सेवाएं प्रदान करने में आने वाली परेशानियों का जिक्र किया। डा. सुमित सिन्हा ने संभागियों को ट्रोमेटिक ब्रेन सर्जरी को लेकर भारतीय दिशा निर्देशों पर बात की। डा. अनीता हाड़ा ने भी अपने विचार रखे। आज चर्चाओं की शुरूआत पांच दशक के दौरान हेड इंज्यूरी के क्षेत्र में चोट और इलाज में आए परिवर्तनों से हुई। इससे पहले अंगदान और सड़क सुरक्षा को लेकर एक वॉकथान आयोजित की गई जिसको जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जोसफ जॉर्ज के साथ न्यूरो ट्रोमेटोलॉजी सोसायटी के अध्यक्ष एंड्रू रेसनर और एशियन ऑस्ट्रेलियन सोसायटी ऑफ न्यूरोसर्जन के अध्यक्ष डा. के ड्रमंड ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पद्मश्री डा. माया टंडन के नेतृत्व में 200 स्कूली बच्चे इसमें शामिल हुए।

जोरा

वार्ता

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