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दलित युवाओं को उद्यमी बनाने में सहयोग करेंगे युवा शक्ति ट्रस्ट, डिक्की

दलित युवाओं को उद्यमी बनाने में सहयोग करेंगे युवा शक्ति ट्रस्ट, डिक्की

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (वार्ता) भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) और दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ( डिक्की ) ने 5000 दलित उद्यमियों को रोजगार निर्माता बनने में मदद करने के लिये शुक्रवार को यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

इस समझौते पर राजधानी में एक कार्यक्रम में हस्ताक्षर किये गये। दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि इसके तहत लक्षित उद्यमियों में से 20 प्रतिशत दलित महिलायें होंगी। इस साझेदारी के माध्यम से, बीवाईएसटी और डिक्की 1000 दलित युवा उद्यमियों को परामर्श प्रदान करेंगे। इन युवाओं को उद्यमिता, बैंकिंग के तरीकों, ग्राहक के साथ संबंध, बुक कीपिंग, परियोजना की तैयारी और बिक्री से जुड़े सॉफ्ट स्किल आदि की बुनियादी अवधारणाओं पर बीवाईएसटी के मेंटर और मेंटर क्लीनिकों के नेटवर्क के जरिये परामर्श दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि यह नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम (एंट्रेप्रेन्योर ऑनलाइन लर्निंग-ईओएल) दो से तीन दिन तक चलेगा। यह कार्यक्रम उन्हें अपने विचार को बेहतर बनाने और ठोस व्यावसायिक योजनाओं में बदलने में मदद करेगा। बीवाईएसटी और डीआईसीसीआई आसानी से स्थापना और व्यवसाय चलाने की सुविधा के लिये प्रति व्यक्ति औसतन चार लाख रुपये के ऋण के साथ 250 दलित युवाओं को क्रेडिट लिंकेज और सलाह सहायता भी प्रदान करेंगे।

क्रेडिट तक पहुंच बीवाईएसटी के संस्थागत ऋण भागीदारों जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक, आईडीबीआई बैंक , स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से प्रदान की जायेगी।

डिक्की के बड़े सपने देखने वाले दलित उद्यमी सदस्यों को सस्टेनिंग एंट्रेप्रेन्योरशिप एंड ग्रीन बिज़नेस प्रोग्राम के तहत भी प्रशिक्षण और समर्थन मिलेगा, जिसके तहत (ईएसजी) पर्यावरण, सामाजिक, लैंगिक और संचालन से जुड़े पहलुओं की बुनियादी समझ और इस समझ को व्यावसाय से जोड़ने के तरीके भी सिखाये जाते हैं। इन उद्यमियों का न्यूनतम टर्नओवर 10-20 लाख के बीच होता है और ये प्रत्यक्ष रूप से न्यूनतम 8-10 जॉब पैदा करते हैं।

भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, सुश्री लक्ष्मी वेंकटरमण वेंकटेशन ने इस समझौते पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, “ दलित युवाओं के सामने उद्यमी बनने में पूंजी, संसाधनों तक सीमित पहुंच और परामर्श समर्थन जैसी मुश्किलें ज्यादा रहती हैं, जो उनकी सफलता में बाधा डालती हैं। बैंकिंग और कॉरपोरेट क्षेत्र में न्यायसंगत पहुंच को सुविधाजनक बनाना और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। ”

सुश्री वेंकटेशन ने कहा, “ इस संस्था का लक्ष्य है, भारत के वंचित युवाओं को रोजगार ढूंढने के बजाय रोजगार निर्माता बनने में मदद करना। यह साझेदारी, भारत में दलित उद्यमिता

को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दृढ़ करती है। ”

डिक्की के संस्थापक अध्यक्ष, पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले ने इस मौके पर कहा कि इस पहल के तहत बड़े और छोटे दोनों किस्म के प्रतिस्पर्धी विनिर्माण उद्यमों की स्थापना तथा इन्हें बनाये रखने और शेष विश्व के लिये मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण को साकार करने के लिये ज़रूरी है कि दलित उद्यमियों को समर्थन दिया जाये, मज़बूती प्रदान की जाये और सशक्त बनाया जाये और बीवाईएसटी के साथ यह साझेदारी व्यावहारिक समावेशी विकास के लिये अनुसूचित जाति उद्यमिता की महत्वपूर्ण क्षमता का उपयोग कर आर्थिक विकास को गति दे सकती है।

डिक्की के वर्तमान अध्यक्ष, पद्मश्री रवि नर्रा ने इस अवसर पर कहा, “ डिक्की ने इच्छुक

और मौजूदा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की पहचान करने के लिये पांच स्थानों (पुणे, दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, भोपाल, जयपुर) में बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर (बीएफसी) की स्थापना की है, ताकि उन्हें एक उच्च पेशेवर उद्यमशील परितंत्र के दायरे में लाया जा सके और सफलता के लिये उनकी मदद की जा सके।

श्रवण.मनोहर

वार्ता

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