पार्लियामेंटPosted at: Feb 13 2019 7:14PM अंतिम भाषण में मोदी ने कहा “मिच्छामि दुक्कडम्”नयी दिल्ली 13 फरवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16वीं लोकसभा में अपने अंतिम भाषण में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों से गिले-शिकवे भुलाने की अपील करते हुये “मिच्छामि दुक्कडम्” के साथ माफी माँगी। अंतिम सत्र की अंतिम बैठक में बुधवार को श्री मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने “मिच्छामि दुक्कडम्” कहते हुये सदन के सभी सदस्यों से कहा-सुनी के लिए माफी माँगी। उन्होंने कहा, “कई बार तीखी नोंक-झोंक भी हुई। कभी इधर से हुई, कभी उधर से हुई। कभी कुछ ऐसे शब्दों का भी प्रयोग हुआ होगा जो नहीं होना चाहिये - इस सदन में किसी भी सदस्य के द्वारा, जरूरी नहीं कि इस इस तरफ से; उस तरफ से भी। सदन के नेता के रूप में जरूर मिच्छामि दुक्कडम् कहूँगा।”उन्होंने सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे की लंबे समय तक सदन में बैठने और पूरी चर्चा को ध्यान से सुनने की क्षमता की तारीफ भी की और कहा कि यह साधारण बात नहीं है। मैं आदरपूर्वक उनका अभिनंदन करता हूँ। साथ ही उन्होंने श्री खडगे पर कटाक्ष करते हुये कहा कि उन्हें अपने भाषण के लिए खाद पानी कांग्रेस नेता के भाषण से ही मिलता था। इस भाषण के दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना भी साधा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के भूकंप के कथन पर कटाक्ष करते हुये कहा, “हम कभी-कभी सुनते थे कि भूकंप आयेगा। पाँच साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है और कोई भूकंप नहीं आया।”राफेल विमान सौदे पर भी परोक्ष रूप से हमला करते हुये उन्होंने कहा, “कभी हवाई जहाज भी उड़े। बड़े-बड़े लोगों ने हवाई जहाज उड़ाये। लेकिन, हमारे लोकतंत्र और लोकसभा की मार्यादा इतनी ऊँची है कि भूकंप को पचा गया और कोई हवाई जहाज उसकी ऊँचाई को छू नहीं पाया।”अजीत अरुण जारी वार्ता